Heart broken shayari | प्रेम में धोखा शायरी

Heart broken shayari

प्रेम में धोखा शायरी एक प्रकार की कविता या शेरो-शायरी होती है जो प्रेमी या प्रेमिका के दिल के दर्द, उनके तोड़े गए विश्वास और प्यार के खोये गए एहसासों को व्यक्त करती है। यह ऐसे समयों में पढ़ी जाती है जब किसी के साथ दिलचस्पी और प्रेम होने के बावजूद वह व्यक्ति धोखा खाता है या उनके संबंधों में किसी तरह की असमंजस महसूस होती है।

Heart broken shayari

लोग प्रेम में धोखा शायरी पढ़ते हैं क्योंकि यह उनके अंतःकरण में होने वाले भावनाओं को साझा करती है और उनके दिल के दर्द को सुनने वाले को उनकी भावनाओं का आदान-प्रदान करने का एक माध्यम प्रदान करती है। यह उनकी भावनाओं को समझने में मदद करता है और उन्हें आत्म-समीक्षा करने और आगामी संबंधों के प्रति सोचने का एक मौका देता है।

इसके अलावा, यह शायरी के माध्यम से लोग अपने भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने का एक तरीका प्राप्त करते हैं जो कि उनके साथ हुए घटनाओं के साथ साथ उनके अंतरात्मा की गहराइयों तक पहुँचता है।

कुल मिलाकर, प्रेम में धोखा शायरी एक रूप है जिससे लोग अपनी भावनाओं को साझा करते हैं, अपने संबंधों पर विचार करते हैं और अपने दिल के दर्द को सुनने वालों को एक साथी मिलता है।


वो शख्स मेरे काफिले से बगावत कर गया।जंग जीतकर सल्तनत जिसके नाम करनी थी।।


हंसी में हमने बड़े राज समेटे हैं।
जो कह ना सकें वो अल्फाज समेटे हैं।।
कुछ बेचैनियां कुछ गुमसुम आवाज लिए।
कुछ दिल के ज़ख्म लाइलाज समेटे हैं।।
लापरवाही ही भली है साहब!
परवाह करने पर लोग सस्ता समझ लेते हैं।
हमने लहू के कतरे मिट्टी में बोए हैं।
खूश्बू जहां भी है वो मेरी कर्जदार है।।
ऐ वक्त! होगा तेरा मेरा एक दिन हिसाब।
जीत ना जाने कब से तुझपे उधार है।।
ग़र आवाज में इतना नूर ना होता।
तो ए तन्हा दिल इतना मजबूर ना होता।।
हम आपसे मिलने जरूर आते।
अगर आपका घर इतना दूर ना होता।।
टूटे नहीं थे तोड़े गए हैं हम।
रोए नहीं थे रूलाए गए हैं हम।।
चलो माना कि अच्छे नहीं थे हम।
मगर इतने भी बुरे नहीं थे;
जितने बनाए गए हैं हम।।
बेवजह छोड़ने वाले हमें ठुकराके रोए हैं।
दिलों से खेलने वाले हमें आजमाके रोए हैं।।
कभी थक कर सो गए, तो कभी रातभर ना सोए।
कभी हंसकर ग़म छुपाए, कभी मुंह छुपाके रोए।।
मेरी दास्तां-ए-मुहब्बत वो सुना सुना के रोए।
आए थे जो तमाशा देखने मेरी बेबसी का;
वो लोग भी मुझे गले लगा लगाके रोए।।
क्यों कोई मेरा इंतजार करेगा।
अपनी जिन्दगी मेरे लिए बेकार करेगा।।
हम कौन किसी के लिए खास हैं।
क्या सोचकर हमें कोई याद करेगा।।
कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया।
मेरी तलाश का अब जरिया बदल गया।।
न शक्ल बदली ना ही बदला मेरा किरदार।
बस लोगों को देखने का नजरिया बदल गया।।
मजबूर नहीं करेंगे वादे निभाने के लिए।
एकबार लौटके आजा अपनी यादें ले जाने के लिए।

प्रेम में धोखा शायरी

वफ़ा का नाम ना लो यारों, ए दिल को दुखाती है।
वफ़ा का नाम लेते ही, एक बेवफा की याद आती है।।
कत्ल हुआ हमारा इस तरह किश्तों में।
कभी खंजर बदल गए कभी कातिल बदल गए।।
कुछ सुनसान पड़ी है ज़िन्दगी।
कुछ वीरान हो गए हैं हम।।
क्योंकि जो हमें ठीक से जान भी नहीं पाए थे।
खामखां उनके लिए परेशान हो गए थे हम।।
जुबान चलने लगी लव कुशाई करने लगे।
नसीब बिगड़ा तो गूंगे बुराई करने लगे।।
हमारे कद के बराबर ना आ सके जो लोग।
हमारे पांव के नीचे खुदाई करने लगे।।
कभी मैंने किसी को आजमाया ही नहीं।
जितना प्यार दिया उतना कभी पाया ही नहीं।।
किसी को मेरी भी कमी महसूस हो।
शायद खुदा ने मुझे ऐसा बनाया ही नहीं।।
उम्मीदें खुद से रखो साहब, ए दुनिया तो खुदगर्जी है।
खुदगर्ज हैं रिश्ते नाते यहां और इश्क़ वफ़ा भी फर्जी है।।
मेरा तो काम है समझाना, आगे आपकी मर्जी है।
खता हो गई तो फिर सजा सुना दो।
दिल में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो।।
देर हो गई याद करने में जरूर।
पर आपको भूला दें, ये ख्याल मिटा दो।।
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूं।
जिंदगी अपनी तेरी चाहत में संवार दूं।।
मुलाकात हो तुमसे इस कदर मेरी।
सारी उम्र केवल एक मुलाकात में गुजार लूं।।
उदास आंखों में अपने करार देखा है।
पहली बार उसे बेकरार देखा है।।
जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की।
उसकी आंखों में आज इंतजार देखा है।।
वो गए तो मुझे भुलाकर,
एक दिन रोएंगे वो मुस्कुराकर।
सबसे पूछेंगे मेरा पता,
जो ना मिली तो ढूंढेंगे मुझे चिल्लाकर।।
उन्हें अफसोस होगा मुझे ठुकराने का,
मेरे प्यार के इजहार से मुकर जाने का।
उस दिन महसूस होगा उन्हें मेरा दर्द-ए-मोहब्बत,
और वो रो भी ना सकेंगे आंसू छिपाकर।।
ज़मीर पर चढ़ाकर सोने का पानी जांच रहे हैं।
मेरे खरेपन को कुछ खोटे सिक्के माप रहे हैं।।
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती।
सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती।।
मगर प्यार जरा सम्हलकर करना दोस्त।
प्यार में मिले ज़ख्म की कोई दवाई नहीं होती।।
पता क्या था हमें होती क्या है शायरी।
टूटे दिल लफ़्ज़ों से खेलना सिखा दिए।।
ठुकराया है सबने मुझे अपने अपने अंदाज में।
कोई मुझसे मुंह फेर गया किसी बहाने से;
तो कोई मुझे छोड़ दिया यूं ही नजरअंदाज में।।
मैं गलत हूं या सही यह मायने नहीं रखता।
मर्जी तुम्हारी है, खुदगर्जी तुम्हारी है;
जो मन चाहे देख लो, मैं जेबों आईना नहीं रखता।।
हमें तो बस तेरी बेरुखी ने बेबस कर रखा है।
वरना हमने तो बेबसी को बेबस कर रखा है।।
तुम्हें गैरों से कब फुर्सत, हम अपने ग़म से कब खाली।
चलो हो चुका मिलना, न तुम खाली न हम खाली।।
जब जब तुमसे मिलने की उम्मीद नजर आई।
तब तब मेरे पैरों में जंजीर नजर आई।।
तो निकल पड़े इन आंखों से हजारों आंसू।
और हर आंसू में आपकी तस्वीर नजर आई।।
तेरी यादों का सितम भी कहां कम हो रहा है।
पहले तो वो मामूली सा दर्द था;
मगर अब तो वह ज़ख्म हो रहा है।।
ख्वाबों के सफर में कभी किस्मत की रज़ा ना मिली।
सजा तो मिलनी मगर गलतियों की वजह ना मिली।।
कैसे करें बयान दर्द-ए-हाल यारों।
काम बहुत आए लोगों के पर दिल में जगह ना मिली।।
हंसकर कबूल क्या कर ली इक सजा को मैंने।
आपने दस्तूर ही बना लिया;
हर इल्जाम मुझ पर लगाने का।।
चैन से जीने की आदत होनी चाहिए।
दर्द को पीने की आदत होनी चाहिए।।
रिश्तों की बुनाई ग़र उधड़ने लगे तो।
प्रेम से सीने की आदत होनी चाहिए।।
क्यूं ना बदलूं मैं, तुम वही हो क्या।
चलो माना मैं गलत हूं, तुम सही हो क्या।।
अपनी छोटी सी जिंदगी में इतना तो कर जाएंगे।
किसी की आंखों में तमाम उम्र जाएंगे;
तो किसी के दिल में सदा के लिए मर जाएंगे।।
आईना आज फिर रिश्वत लेता पकड़ा गया।
दिल में दर्द था और चेहरा हंसता पकड़ा गया।।
हर एक मोड़ पर ज़ख्म देखें हैं।
हां कहीं ज्यादा तो तो कहीं कम देखें हैं।।
अब कोई छोड़ भी जाए तो दर्द नहीं होता।
अपनी जिन्दगी ही बनते शतरंज देखें हैं।।
खंजर भी हैरान था मेरे ज़ख्म देखकर।
बोला क्या इश्क़ में मुझसे तेज धार होती है।।
हम भी बेवजह मुस्कुराया करते थे ।
उजाले में भी शोर मचाया करते थे।।
कम्बख्त उसी दियों ने जला दिया हमारा हाथ।
जिन दियों को हम हवाओं से बचाया करते थे ।।