Dard Bhari Shayari | प्यार में दर्द भरी शायरी हिन्दी में
Dard Bhari Shayari in Hindi
आप भी आईना देख के समझने की कोशिश करेंगे,
एक दिन अपने आपको जानने की कोशिश करेंगे।
जिंदगी जब यूं कॉंच की तरह तोड़ कर तबाह कर देगी,
हंसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
हर दर्द के निशान अब मिटाने लगे हैं हम।
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा हमें क्या भला,
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।।
कोई हालात नहीं समझता।
कोई जज़्बात नहीं समझता।।
ये तो अपनी अपनी जिंदगी की बात है।
कोई कोरा कागज समझ लेता है,
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता ।।
मुहब्बत में तो लाखों ज़ख्म खाये हमने,
अफसोश उन्हें फिर भी हम पर ऐतबार नहीं।
मत पूछो क्या गुजरती है अब मेरे दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं।
एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया,
कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया।
जिसे ढूढ़ते रहे हम हरदम लोगों की भीड़ में,
मुझसे वो अपने आपको छुपा के चला गया।।
फलक में अपनी जन्नतों के सितारे नहीं,
हम उनके है, पर वो हमारे नहीं।
छोटी सी नाव लेकर, उस समुंदर में उतर गए,
जिसमें तो दूर-दूर तक किनारे नहीं।।
हक़ीकत तो जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन भी लो अपनी सुनाने से पहले।
ये भी सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले।।
जो नजर से इसकदर गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे भी अक्सर टूट जाया करते हैं।
कुछ लोग तो दर्द को बयां नहीं होने देते,
चाहे बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।।
दर्द कितना झेला है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने पाए हैं दिखा नहीं सकते।
आँखों से समझ सको तो समझ लेना,
आँसू गिरे हैं कितने ये गिना नहीं सकते।।
तेरी आरज़ू भी मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है।
मेरे ज़ख्मों का अंदाज़ा न लगा,
दिल का पन्ना पन्ना दर्द की किताब है।
हम तो उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे।
जब मुहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो तो मुस्कुराते रहे।
हर पल मैं यही सोचता रहा,
कि कहां कमी रह गयी थी मेरी चाहत में।
उसने तो इतनी शिदत्त से मेरा दिल तोड़ा,
कि आज तक हम नहीं संभल पाए।।
दर्द भरी शायरी हिन्दी में
तू सुबह की किरण बनके मुझे सताती है,
मुझे अपने गहरे दुख का एहसास दिलाती है।
हमने कितनी भी कोशिश की तुझे भुलाने की,
तेरी याद तो फिर भी मुझे बहुत रुलाती है।।
ये रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द तो मोहब्बत को निभाने की सज़ा है।
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं बहुत आँसू;
ये तो उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।।
उसने तो दर्द इतना दिया कि सहा न गया,
उसकी आदत सी थी इसलिए रहा न गया।
आज भी रोती हूं बहुत उसे दूर देख के,
लेकिन दर्द देने वाले से यह कहा न गया।।
हम जिसे समझते रहे ज़िन्दगी,
मेरी धड़कनों का फरेब था वो।
मुझे मुस्कुराना सिखा के,
वो मेरी रूह तक रुला गए।।
न जाने क्यों हमें अब आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल किसी से बताना नहीं आता।
क्यों सब लोग बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता।।
अनजाने में यूं ही हम दिल गंवा बैठे,
इस प्यार में कुछ ऐसे धोखा खा बैठे।
उससे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी,
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।।
आज तेरी याद, हम सीने से लगा कर रोये,
तन्हाई में तुझे हम ख्वाब में बुला कर रोये।
कई बार पुकारा इस दर्दे दिल ने तुम्हें,
और हर बार तुम्हें ना पाकर रोये।।
मेरा ख़याल मन से तुम मिटा भी न सकोगे।
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे,
तो सारी उम्र मुस्कुरा भी न सकोगे।।
वादा हमने किया था, निभाने के लिए;
अपना दिल दिया था, एक दिल को पाने के लिए।
पहले तो उन्होंने दिल चुरा लिया; और फिर कहा,
मोहब्बत तो की थी सिर्फ तुम्हे तड़फ़ाने के लिए।
न तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,
न तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाये।
ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम,
न दिन में चैन आए न रात में सोया जाये.
उदास ना होना मुझे याद करके,
मांगना चाहता हूं तुझसे कुछ फरियाद करके,
ज़िन्दगी में मेरे फिर लौट के ना आना,
क्योंकि जी नहीं पाएगा तु मुझे बर्बाद करके.
रोज़ उदास होते है हम, रात गुजर जाती है।
कहने को तो जी रहे है लेकिन,
हर पल हर लम्हा सांस निकलती जाती है।।
प्यार तो सभी को जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है।
प्यार नहीं किया तो कभी करके देख लेना,
जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।।
प्यार में दर्द भरी शायरी
कभी जो कहते थे तुम्हें कभी रोने न देंगे,
आंसू भरी आंख लेके तुझे कभी सोने न देंगे।
आखिर वहीं हमारी आंख के आंसू बन गए,
जो कहते थे तुमको कभी खोने न देंगे।।
तुझे चाहा भी था तुझे पाना भी था,
तेरे साथ खुशी का गीत गाना भी था।
लेकिन तुमने तो मुझे कुछ इस कदर धोखा दिया,
फिर टूटे हुए दिल को समझाना ही था।।
ज़रा सी ज़िंदगी है, पर अरमान बहुत हैं,
हमदर्द यहां नहीं कोई, इंसान बहुत हैं।
दिल के दर्द सुनाएं भी तो किसको,
जो दिल के करीब हैं, वही अन्जान बहुत हैं।
चाहकर तुम बता नहीं सकते,
प्यार को अपने जता नहीं सकते।
फिर क्या फायदा तुम्हारे प्यार का,
जब एक भी वादा तुम निभा नहीं सकते।।
दर्द बहुत हुआ इस दिल के टूट जाने से,
कुछ न मिला उनके लिए आँसू बहाने से।
वो जानते थे वजह मेरे दर्द की, फिर भी
वो बाज़ न आये मुझे आजमाने से।।
दिल मेरा जो अगर रोया न होता,
तो हमने भी आँखों को भिगोया न होता।
दो पल की हँसी में छुपा लेता हर ग़मों को,
ख़्वाब की हक़ीक़त को गर संजोया न होता।।
तुम मेरी मैइयत पर रोने न आना,
मुझसे बहुत प्यार था ये जताने न आना।
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में रहूं मैं,
जब सो जाऊं तो फिर जगाने न आना।।
वो रात बहुत दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी।
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर आज भी नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी कायनात होगी।।
हम हंसते तो हैं पर, दूसरों को हंसाने के लिए।
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि,
ठीक से रोया तक नही जाता।।
दर्द भरी शायरी
इस दुनिया ने पहले तो कभी मुझे रोने नहीं दिया,
अब तेरी वफा के गम ने मुझे कभी हसने नहीं दिया।
टूट कर जब मैंने रातों से पनाह मांगी,
वहां भी तेरी याद ने मुझे सोने नहीं दिया।।
जाने लगे जब वो छोड़ कर दामन मेरा,
टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी।
सोचा था कि छुपा लेंगे हर ग़म अपना,
मगर कमबख्त आंखों ने बगावत कर दी।।
प्यार का एहसास गर तुझे दिला ना सका,
मोहब्बत का फूल गर मै खिला ना सका।
लेकिन तुमने भी मेरे प्यार में बेवफाई बहुत की,
जो आज भी उसे मै भुला ना सका।।
उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा।
किनारे पर खड़े लोग हकीकत क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किसको पुकारा होगा।।
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया।
कहने को जिंदगी तो थी बहुत मुख्तसर मगर,
मेरी तो कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।।
अपना बनाके क्यूं कुछ दिन में बेगाना बना दिया।
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी, ये बहाना बना दिया।।
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,
लफ्ज़ कागज पर उतरके जादूगरी करने लगे।
कामयाबी जिन्होंने पाई उनके तो घर बस गए,
जिनके दिल टूटे वो शायरी करने लगे।।
हम रूठें भी तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए।
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको,
पर दिल कहाँ से लाये..आप से रूठ जाने के लिए।
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