Emotional Love Shayari in Hindi for Girlfriend

Sad love shayari for girlfriend

क्यों मेरी साँसों की झंकार में तुम ही बसते हो, 
क्यों मेरी सुरमई यादों में तुम ही संवरते हो।
ना जाने कैसा रिश्ता है मेरा और तुम्हारा,
दिल में धड़कन बनकर, बस तुम ही धड़कते हो।

love shayari

मोहब्बत करने वालों को फुर्सत कहाँ जो गम लिखेंगे।
ऐ दोस्त कलम इधर लाओ इसके बारे में हम लिखेंगे।।

दोस्ती का रिश्ता पुराना नहीं होता, 
इससे बड़ा कोई खज़ाना नहीं होता।
दोस्ती तो प्यार से भी पवित्र है,
क्योंकि कोई इसमें पागल या दीवाना नहीं होता।।

उसने पूछा कहाँ से लाते हो ये खूबसूरत से अलफ़ाज़।
मैंने भी हंसकर कह दिया, 
लिखना आ ही जाता है तुझे देखने के बाद।

काश मेरी यादों में तुम कुछ ऐसे उलझ जाओ,
यहाँ में तुम्हारे बारे में सोंचु और वहाँ तुम समझ जाओ।

ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की,
मांगा जब किस्मत में ही दर्द लिखा हो।
तो मोहब्बत कैसे नहीं होती।।

 तेरा जिक्र किये बिना कैसे जिंदगी की कहानी लिखूं।
तुझे इश्क़ लिखूं, वफ़ा लिखूं या फिर जिंदगानी लिखूं।।

कुछ तो अपना सा लगता है तेरे मेरे दरमियान, 
एक पल के इंतज़ार का वक़्त बरसो सा लगता है।

हकीकत की भीड़ में कुछ गुमशुदा सपने ढूंढ रहे है।
आज कल हम अपनों में कुछ अपने ढूंढ रहे है।।
किस खत में लिख कर भेजूं अपने इंतज़ार को तुझे। 
बेजुबान है इश्क़ मेरा और ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।।

आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया। 
क्या करूं तुमने जो मुझे भुला दिया।। 
ना करते वफ़ा न मिलती ये सजा। 
मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया।।

पाया ही नहीं कभी तुझको, 
फिर भी खोने से ना जाने क्यों डर लगता है। 
लाख दूरियां सही इस दरमियान,
तेरे एहसास से मोहब्बत करते है।।

अपनी साँसों में महकता पाया तुझे, 
हर ख्वाब में हमने बुलाया तुझे। 
क्यों ना करें याद तुझ को
जब खुदा ने हमारे लिए बनाया तुझे।।

दूरिया बहुत है पर इतना समझ लो,
पास रहकर भी कोई रिश्ता ख़ास नहीं होता। 
तुम दिल के पास इतने हो कि,
दूरियों का एहसास नहीं होता।।

ये बेकरारी ये कसक ये जुनून इश्क़ है। 
वो तेरी बाँहों का सुकून इश्क़ है।। 
वो मेरा मिलने को तरसना इश्क़ है। 
और तेरा खुल के बरसना इश्क़ है।।

मुझे बाँहों में बिखर जाने दो, 
अपनी साँसों से महक जाने दो। 

मेरा दिल मचलता है और सांस रूकती है, 
अब तो अपने रूह को मुझे छू लेने दे।।

वो सजदा ही क्या,
जिसमें सर उठाने का होश रहे।
इम्तेहान ऐ इश्क़ तो अब हो रहा है,
जब आप खामोश रहे,
और हम बेचैन रहें।।

बारिश की बूँदें हमें भिगोने लगी है।
दिल में यादों का हार पिरोने लगी हैं।। 
सताती है हर पल तुम्हारी ही कमी।
तुम्हारे दिल की धड़कन अब महसूस होने लगी है।।

अपना बना के हमें बाँहों में भर लो। 
कभी न हो जुदा ये वादा कर लो।।
बिखर जायेंगे तुमसे दूर रहकर हम।
कल का किसे पता, आज कुछ बातें कर लो।।

हमारे जख्मों की वजह भी वो है, 
हमारे जख्मों की दवा भी वो है। 
नमक जख्मों पे लगाए भी तो क्या हुआ,
मोहब्बत करने की वजह भी तो वो है।।

फुर्सत मिले जो दुनियाँ से,
एक इनायत इधर भी करना।
आज देर से आये है महफ़िल में तुम्हारे,
एक शायरी हमारे नाम भी करना।।

बेवफाई करके निकलूं तो वफ़ा कर जाउंगी। 
शहर को हर जायके से आशना कर जाउंगी।। 
तो भी ढूंढेगा मुझे शौके ऐ सजा में। 
एक दिन मैं भी कोई खूबसूरत सी खता कर जाउंगी।

जो मोहब्बत तुम्हारे दिल में है, उसे जुबान पर लाओ।
और बयां कर दो आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ।।

हम बस सुने ऐसे बेजुबान कर दो।।
मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा। 
मैं तुझमें गुजर जाऊं तुम मुझमें गुजर जाना।।

चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम,
 कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनों पे आ गए हम।।

दिल की धड़कन और मेरी सदा है तूं। 
मेरी पहली और आखरी वफ़ा है तूं। 
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़कर, 
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू।।

तुझको जान से भी प्यारा बना लिया,
दिल का सुकून और आँखों का तारा बना लिया। 
अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्जी, 
हमने तो तुम्हे जिंदगी का सहारा बना लिया।।

आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, 
हमारी जिंदगी झूम कर मुस्कुरा दी। 
जुबां से तो हम कुछ भी ना कह सके, 
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी।।

निगाहों से दिल पे तेरा पैगाम लिख दूं। 
मोहब्बत वफ़ा का अंजाम लिख दू।।
तुम चले आओ मेरे लबो पे सरगम बनके,
मैं अपनी धड़कन क्या सातों जनम तेरे नाम कर दूं।।

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है। 
हर चेहरे में कुछ अलग एहसास है। 
आपसे दोस्ती हम यूँ ही नहीं कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ ख़ास है।।

ढाई अक्षर की बात कहने में, 
कितनी तकलीफ उठा रखी है। 
तूने आँखों में छुपा रखी है,
मैंने होठों में दबा रखी है।

निगाहों से दिल पे तेरा पैगाम लिख दूं,
मोहब्बत वफ़ा का अंजाम लिख दूं।
तुम चले आओ मेरे लबो पे सरगम बनके,
मैं अपनी धड़कन क्या सातों जन्म तेरे नाम कर दूं।

मिले जो आप तो कुछ खास मिला हमें। 
तन्हा जिंदगी में एक खूबसूरत साथ मिला हमें।।
जिस प्यार की होती है, सबको अपनी जिंदगी में चाहत।
बस वही प्यार का एहसास मिला हमें।

छू जाते हो तुम मुझे, 
कितनी ही दफा ख्वाब बनकर।
दुनिया तो खामखां कहती है, 
कि तुम मेरे नसीब में नहीं।।

शहर को तोड़ के एक घर बना लिया। 
अपनों को छोड़ के गैरों को अपना लिया।। 
स्वयं की खोज में औरों को गवा दिया। 
एक की गलती ने हज़ारों को मिटा दिया। 
कल की चाह में आज को भुला दिया। 
इस कलयुग ने तो गिरे को उठा लिया।।

तुम बिन जिंदगी सूनी सी लगती है, 
हर पल अधूरी सी लगती है।
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दो, 
अब ये जिंदगी कुछ पल की ही लगती है।।

वो पल में बीते साल लिखूं या सदियों लम्बी रात लिखूं।
मैं तुमको अपने पास लिखूं या दूरी का एहसास लिखूं।।

तुमसे दुरी का एहसास सताने लगा, 
तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा। 
जब भी कोशिश की तुझे भूलने की, 
तू और ज्यादा दिल के करीब आने लगा।।

दूरियाँ बहुत है पर इतना समझ लो,
पास रहकर कोई रिश्ता खास नहीं होता। 
तुम मेरे दिल के इतने पास हो, 
मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता।।

इन मदहोश निगाहों में, 
इश्क़ की चाहत उभर आयी है। 
मोहब्बत तो छुपा लूँ दिल में,
पर ये आँखे तो हरजाई है।।

याद रहेगा ये दौर भी हमको उम्र भर के लिए।
कितना तरसे है जिंदगी में एक सख्स के लिए।।
छू लूँ तुझे या तुझमे बस जाऊँ। 
लफ्ज़ लिखू या खामोश हो जाऊँ।।

करूं  इश्क़ या करूँ मोहब्बत, 
थोड़ा सा तो दिखा प्यार;
जिससे मैं तुझमे ही बस जाऊं।।

बिछड़ के उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा। 
वो थक जायेगा और मेरे गले से आ लगेगा।। 
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊं ना आऊँ। 
मुझे आवाज़ लगाना तुम्हे अच्छा लगेगा।।

तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे।
अब आँख तो भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते।।

दिल चाहता है आज फिर एक पैगाम दे दूँ। 
मरते दम तक तुझे चाहने की जुबान दे दूँ।। 
ना कोई हसरत रखूं ना रखूँ कोई आरज़ू। 
बस तेरी ख़ामोशी को वफ़ा का नाम दे दूँ।।

रिश्ते जितने सुनहरे होते है।
दर्द भी उतने ही गहरे होते है।। 
कोई देखता नहीं उन आँखों को ।
जिनमें समंदर ठहरे होते हैं।।

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