Two line shayari for Instagram
जीवन एक अनंत सफर है जिसमें हम सभी किसी न किसी समय पर हृदय स्पर्श करते हैं। यह हृदय स्पर्श हमें वहाँ ले जाता है जहाँ हम समान्तर जीवन के रहस्यों का अनुभव करते हैं, जहाँ हमारी भावनाओं की गहराई को समझा जाता है, और जहाँ हमारे साथी हमें संबोधित करते हैं। इसी तरह, हर्ट टचिंग 2 लाइन शायरी उन भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करती है जो हमारे ह्रदय को छू लेती हैं और हमें अपने आस-पास की दुनिया को समझने का मौका देती हैं। यह शायरी हमें विचार करने पर मजबूर करती है, हमारी भावनाओं को बाहर लाती है और हमें एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करती है।
इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर, हमें व्यक्तिगत और सामाजिक तार्किकता का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। हम अपने अनुभवों, भावनाओं, और विचारों को अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं, और heart touching 2 line shayari for Instagram का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसे साझा करके, हम अपने फॉलोअर्स के साथ अपने विचारों को साझा करते हैं और उन्हें अपने भावों के साथ संबंधित करते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से, हम एक संदेश प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त करते हैं। हम अपने पाठकों को विचारशीलता और अंतरविचार के संग्रह का हिस्सा बनाते हैं, और उन्हें एक अनुभव से दूसरे अनुभव तक ले जाते हैं। हमारा लक्ष्य यहाँ है कि हम अपने पाठकों को मनोविज्ञान, साहित्य, और मानवता की गहराइयों से परिचित कराएं, और हमारे शब्दों से उनके दिलों को छूने की कोशिश करें।
इस पोस्ट में, हम अनेक रोमांचक, सोच-विचार करने वाले, और हृदय स्पर्श शेरों का संग्रह प्रस्तुत करेंगे जो आपको गहराई से छू लेंगे और आपके मन में एक अच्छी असर छोड़ेंगे। इसे पढ़कर, आप अपने जीवन में नई ऊर्जा, समझ, और प्रेरणा प्राप्त करेंगे, और साथ ही, अपने सोशल मीडिया संबंधों को और भी समृद्ध करेंगे।
Heart touching shayari for Instagram
इस वक्त ने तो हमें बहुत कुछ सिखा दिया।
वक़्त पर इंसान बदलता कैसे है ये भी बता दिया।।
ख़त्म हो गई कहानी, बस चंद अल्फ़ाज़ बाकी हैं।
किसी दिव्य प्रेम की एक मुकम्मल सी याद बाकी हैं।।
कभी लबों पे हंसी है, तो कभी गमों सा दुःख।
पर तू ना हारना, चाहे कितने भी आएं सुख - दुख।।
इतना भी ना सताओ कि वो टूट के चूर हो जाए।
कुछ ऐसा करके दिखाओ कि रिश्ता अटूट हो जाए।।
वो जब कहते थे कभी साथ ना छोड़ेंगे हम।
नया यार मिलते ही वादों से मुकर गए तुम।।
ना बदली वक्त की गर्दीश, ना जमाना बदला।
सूख गये पेड़, तो पंक्षी ने भी ठिकाना बदला।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला;
तो हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी;
मुस्कुराने के हुनर में इतने माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो;
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें।
बस एक इंसान हूं, तो इंसान ही रहूँ;
किसी को सर पे नहीं उठाना हमें।।
बहुत मुश्किल नहीं होता, किसी का दर्द समझना;
ग़र अपने होते तो समझ जाते।
किसी को तो इतना हक हमने दिया ही नहीं,
की वो आकर हमारी जिंदगी बर्बाद कर दे।
हमारी तकदीर को हम पर इतना रहम नहीं;
हमारी भी तकदीर बदले, हमको इतना वहम नहीं।
हमारी सादगी ने तो बहुत बर्बाद किया हमें,
लूट लिए वो भी जिनके लिए एक दिन-रात किया हमनें।
लोग मेरे किरदार में इतनी कमी निकालते रहे।
धूल खुद के चेहरे पर थी, आइना साफ करते रहे।।