Heartfelt Life Shayari in Hindi

Best Life Shayari in Hindi
लौटाएंगे वो सारा तुम्हें सूद के समेत,
हमपर तुम्हारे जुल्म का जितना उधार है।
ताकत तुम्हारे पास अगर है सितमगरों,
तो अपने पास रहमते परवर दिगार है।।

ये जिंदगी है साहब, कई रंग दिखायेगी।
कभी हसायेगी, कभी रुलायेगी।

जो खामोशी से सह गया, वो निखर जायेगा।
जो हमदर्दी में बह गया, वो बिखर जायेगा।

हर दिन जिंदगी को एक नया ख्वाब तो दो,
चाहे पूरा ना हो फिर भी एक आवाज़ तो दो।
एक दिन पुरे हो जायेंगे सब ख्वाब तुम्हारे,
सिर्फ कोशिश करके एक शुरुआत तो दो।।

सफर में मुश्किलें आएंगी, तो हिम्मत और बढ़ती है।
अगर कोई रास्ता रोके, तो जरूरत और बढ़ती है।।
अगर बिकने पर आओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर।
ग़र बिकने का इरादा ना हो तो कीमत और बढ़ती है।।

ग़र इज़्ज़त से मिले खाक भी आंखों पे मल लेंगे।
ज़लालत के तो हमने ताज़ भी ठोकर पे रक्खे हैं।

नफरतों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में।
हमने किस किसको पुकारा यह कहानी फिर सही।।

शायद मेरी दुआओं का खुदा तक असर जाए,
जो छोड़ गया है मुझको मेरे दिल से उतर जाए।
मेरा दुख ऐसा है जैसे किसी विधवा का,
एक ही बेटा हो और वो हादसे में मर जाए।।
क्या पता था जिंदगी दर्द इस कदर देगी,
चमकती हुई आंखों को आंसुओं से भर देगी।
बचपन के दिनों में क्या सोचा था कभी,
यह 20 से 25 की उम्र बर्बाद कर देगी।।
भावुक व्यक्ति का अपने पर काबू नहीं होता।
वह जब पछाड़ खा कर गिरता है,
तभी अपनी भूल को समझ पाता है।
इतने मासूम नहीं जितने बनकर दिखा रहे हो,
एक चेहरे के पीछे क्या क्या छिपा रहे हो?
दर्द जो दे किसी को मैं वो इंसान नहीं,
खामियां मुझमें भी हैं मगर मैं बेईमान नहीं।
अरे गम नहीं किसी बात का,
जो लिखा है किस्मत में वो तो होकर रहेगा।
गर कली रही तो फूल खिलेंगे ही,
भगवान चाहेंगे तो फिर मुलाकात होगा।।
किसी को तो पसंद आएगी मेरी नादानियां,
अब सारा शहर समझदार तो नहीं।
चाय और चरित्र गिर जाएं तो,
दाग बहुत गहरे देते हैं !!
लाख समझाया कि शक करती है दुनिया !
तू पास से गुज़र जाया कर, पर मुस्कुराया ना कर !
अहंकार में तीन गए, धन वैभव और वंश।
ना मानो तो देख लो रावण कौरव कंस।।
जैसे जैसे दुनियां समझ में आती है,
विश्वास शब्द खोखला लगने लगता है !
अगर अपनी काबिलियत पर यकीन किया जाए,
उंगलियां उठाने वाले तालियां बजाना शुरू कर देते हैं।
इंसान की अच्छाई पर सब चुप रहते हैं, लेकिन चर्चा उसकी बुराई पर हो तो गूंगे भी बोल उठते हैं।
बीते हुए कल को याद करके,
अपने आज के कल को बेहतर करें।
आओ वो काम करें, भुत के अनूभव से,
वर्तमान को अच्छा करें, कुछ अच्छा करें।।
पागल हो जाओ,
उस मंजिल के पीछे जिसका नाम पैसा हैं..!!
जीने की लत पड़ी नहीं शायद इसीलिए,
झूठी तसल्लियों पे गुज़ारा नहीं किया।
यह सच अगर नहीं तो बहुत झूठ भी नहीं,
तुझको भुला के कोई गुनाह नहीं किया !
जीने की लत पड़ी नहीं शायद इसीलिए,
झूठी तसल्लियों पे गुज़ारा नहीं किया।
मुख़्तसर सी ज़िंदगी के भी अजीब फ़साने हैं।
यहाँ तीर भी चलाने हैं, और परिंदे भी बचाने हैं !
कुछ लोगों को शौक़ था मुझे इग्नोर करने का,
मैंने भी उनका शौक़ उन्हें तोहफे में दे दिया।
तय है मिलेगा वक़्त से पहले न कुछ,
बस ख़्वाब ख़्वाबों में उतर के रह गये।
यदि आप दूसरों से ताकतवर हैं,
तो आपको उनकी मदद करनी चाहिए।
विरासत में, गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं !
जमाना तुमको गौर से सुनेगा,
तुम अपनी कहानी नहीं किस्से बनाओ !
जिनके न आते थे कभी जवाब, उनके सलाम आने लगे, वक्त क्या बदला, मेरे नीम के पेड़ पर आम आने लगे !
एक दूसरे से कुछ कहते नहीं,
मगर हमनें ये महसूस जरूर किया है !
एक मुलाक़ात की दरकार तुम्हें भी है; मुझे भी है।
झूठी हैं इश्क़ की किताबें, और शायर सभी,
किसी ने रोते हुए लड़को के बारे मे नहीं लिखा।
कर्मों से डरिए क्योंकि,
ईश्वर माफ कर देता है, कर्म नहीं।
खुल जाता है तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह,
और हम उसी रौनक में पूरा दिन गुज़ार देते हैं।
मत खोल मेरी किस्मत की किताब को..
हर उस शख्स ने दिल दुखाया है,
जिस पर हमें नाज़ था।
लोग अपनी परेशानियों से नहीं,
दूसरों की खुशियों से परेशान होते हैं।
एक वक्त के बाद ज़िंदगी में
किसी से कोई शिकायत नहीं रहती !
कपड़े सफ़ेद धो के जो पहने तो क्या हुआ,
धोना हो तो दिल की सियाही को धोइए।
दिखाने से बेहतर छुपाकर रखो,
दर्द, गुस्सा, प्यार, रिश्ता और जज़्बात !!
उसे अब मेरे रोने से भी फर्क नहीं पड़ता,
कभी जो मेरे उदास रहने पर खुद उदास हो जाता था ।
बादलों का गुनाह नहीं कि वो बरस गए,
दिल को हल्का करने का हक़ सबको है !
गुलामी जंजीरों से आजाद होने की गैरत नही तुममें,
और बात करते हो गलत को गलत कहना सीखो।
हर मर्ज़ का इलाज नहीं है दवाखाने में
कुछ दर्द ऐसे ही चले जाते हैं मुस्कुराने में !!
इस संसार में केवल वही रिश्ता सच्चा है,
जो पीठ पीछे भी आपको सम्मान दें।
बहुत सारा दुख बहुत सारा डिप्रेशन होने के बाद भी,
बेशर्म की तरह हंसने का घमंड है मुझ में।
बढ़ती उम्र का भी एक अलग ही मजा है,
आपकी आंखें धुंधली होने लगती हैं लेकिन
लोगों को पहचानने में आप माहिर हो जाते हैं।
वक़्त कहता है की सिक्का उछाला जाये,
बेबस लाचार जख्मों पे मरहम डाला जाये।
नाहक तुम्हारी रोटी जिसने छीन ली,
आखिर निवाला भी उसके मुँह से निकला जाये।।
Heart Touching Life Shayari
जिंदगी मुझको आजमाती रह गयी,
सब अच्छे बुरे सपने दिखाती रह गयी।
एक बार गया शहर तो फिर लौटा नहीं दुबारा,
पगडंडियां मेरे गांव की बुलाती रह गयी।।
SHAYARI ON LIFE IN HINDI
अभी तुमने देखी ही कहां है फूलों की वफ़ा,
वे जिसपर खिलते हैं उसी पर मुरझा जाते हैं।
किराए पर तो जिस्म मिलते हैं साहब,
रुह खरीदने के लिए दिल बेचना पड़ता है।
उजड़ा उजड़ा सा हर शहर लगता है,
हमें तो ये कुदरत का कहर लगता है।
इंसान ने कि ऐसी भी क्या तरक्की,
इंसान को ही इंसान से अब डर लगता है।।
BEST SHAYARI ON LIFE
पकड़ कर नब्ज़ मेरी हकीम ने यह बोला,
वो जिंदा है तुझमें, तु मर चुका जिसपे।
इश्क की आखिरी नसल हैं हम,
हमारे बाद जिस्मों की भूख होगी।
शरीफों की बस्ती में रहते हैं,
हरामियों से भी रिश्ते हैं,
तुम बिगड़ रहे हो जिनके किस्सेे सुनकर,
उन किस्सों में भी मेरे हिस्से हैं।
उसके जाने के बाद फिर मोहब्बत नहीं की,
छोटी सी जिन्दगी है किस किसको आजमाते।
SHAYARI ON LIFE IN HINDI
अंत हो रहा रिश्तों का अपनी संवेदनाएं खो रहा है।
इंसान नशा करके आधुनिकता का मशीन हो रहा है।।
इश्क की आखिरी हदों में हूं साहब !
राख हूं, अब और नहीं जल सकता।
जब थक जाना दुनिया की महफिलों से,
आवाज देना, हम तो अकेले ही रहते हैं।
जिसका जवाब नहीं होता,
हर दिल में ऐसा सवाल होता हैं !
लबों पर हँसी, आंख में आंसू,
ये आजकल "हर दिल का हाल" होता हैं !!
ये मोहब्बत भी रूह को,
इस कदर तोड़ती है !
ना जान लेती है गालिब,
और ना जिंदा छोड़ती है !!
"वक्त" पर मिलने वाली "रोटी" की
कद्र किया करो!
क्योंकि हर किसी को रोटी,
"थाली में नहीं" मिलती़ !!
बड़ी खौफनाक होती है वो "चीख" !
जो दिल के टूटने पर "खामोश लबों" से निकलती हैं !!
यहां तो तन्हा "रात" है, जंगल भी "सूना" है,
"सफर" भी अकेले काटना है !!
कलयुग में वफादारी बहुत महंगी है साहब,
यदि आपको मिल रही है तो संभाल कर रखिएगा!
उम्र भर मैं पागल यही भूल करता रहा !
धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।
दुनिया ने मुझे, जज़्बात से नहीं,
मेरी "खाली जेब" से समझा।
उफ्फ..! ये मेरी खाली जेब;
ख्वाहिशों से भरे दिल पर भारी पड़ गई !!
अनाथ बालक! सुन बापू..
ये दुनियां बड़ी ज़ालिम है;
ये तेरे जाने के बाद" पता चला !!
प्रेम हर रिश्ते को जिंदा रखता है। वरना,
मैंने मंगलसूत्र से भी दम घुटते देखा है !!
मेरा इलाज करते रहे उम्र भर वे..,
ये जानते हुए भी कि जिंदा नही हूँ मैं !!
हाल ऐसा है कि आइना भी सवाल कर बैठा।
कहता है कमबख्त;
तू किसके लिए ये हाल कर बैठा !!
मेरे किरदार की अच्छाइयों ने;
मेरी जिंदगी के साथ,बड़ा बुरा किया !!
खुद को जिंदा रखने को,
वो ताउम्र एडियां घिसता है।
इन दो रोटी के पाटो में;
इंसान रोज बेरहमी से पिसता है !!
ये किस्मत ,"खिलौनों" से नहीं,
"जिंदगी" से खेलती है प्यारे !!
एक पल गुजरता है ,
मोहब्बत को, जिंदगी में आने में और..
जिंदगी गुजर जाती है गालिब,
मोहब्बत को, जिंदगी से जाने में..!!
"मोहब्बत में तड़पने" से ज्यादा ..
"भूख में तड़पना" ज्यादा पीड़ादायक होता है!!
बिछड़ते वक़्त तो आवाज़_बैठ जाती है हमारी।
और उन्हें लगा मैंने उसे पुकारा ही नहीं !!
गरीबी की बेहयाई तो देखो;
थकती नहीं आजमाते-आजमाते।
एक शख़्स बिखर जाता हैं;
दो वक्त का निवाला कमाते - कमाते..!!
BEST SHAYARI ON LIFE IN HINDI
किसी के अल्फाजों पर,
इतना भी यकीन ना करें यारों।
यहां, खुद की कहानी में कोई,
खुद को विलेन नहीं बताता !!
"खाली जेब" से जो तजुर्बा मिला हमें;
वो कभी "किताबों" में कहां मिला है !!
जो तोड़ दे पत्थर दिल को,
अब वो दर्द कहां बचे हैं, और..
टूट कर मुस्कुरा दे,
अब वो मर्द कहां बचे हैं !!
सांसे बिक गयी हैं चंद सिक्के कमाते-कमाते।
ज़िंदगी गुज़र गई घर तक आते-आते !!
सुकून का हमने ताबीज़ बनवाया।
उस फ़कीर ने "महोब्बत" का परहेज़ बताया !!
कुछ रिश्ते महोब्बत के ऐसे निभाएं जाते हैं।
चंद लम्हों,की मुलाकात के लिए;
महीनों इंतजार में बिताएं जाते हैं !!
जो हमारे बिना खुश हैं ,
उन्हें परेशान करना अच्छी बात थोड़ी ना है !!
"वक्त" हर ज़ख्म का इलाज है मगर ..
वक्त ही, ज़ख्म बन जाए तो ..
जिंदगी "नासूर" बन जाती है..!!
ऐसे लोगों से दूरियां ही बेहतर है;
जिन्हें आपके होने या ना होने से फर्क नहीं पड़ता..!!
किसी को खौफ है
"भगवान सब देख रहा है..!"
और किसी को सब्र है,
"भगवान सब देख रहा है !!"
कुछ कर्ज ऐसे होते हैं..
जिन्हें औलाद कभी नहीं चुका सकती..!!
हमारी जिंदगी में सब फैसले हमारे नहीं होते।
कुछ फैसले वक्त व हालात भी तय करते हैं।।
मर्द की सिर्फ़ पैदाइश पर खुशी मनाई जाती हैं।
बाकी उम्र उसकी औरत के हर किरदार को;
खुश करने में गुजर जाती है !
ये हालात मेरे सुधर जाएंगे,
ये नजरिए लोगों के बदल जाएंगे।
कि किस्मत का पन्ना संवरने तो दो;
ये तीखे ताने, तारीफो में बदल जाएंगे !!
आजकल रिस्तों का गला;
भरोसे की रस्सी से घोटा जाता हैं !!
ऐ वक्त!
तेरे हाथों का मुझे कभी मरहम मिला नहीं।
वो ज़ख्म नासूर बन गया अब;
जो ज़ख्म कभी हमने गम्भीरता से लिया नहीं !!
भूख, महंगाई और गरीबी
इश्क मुझसे कर रही थी !
एक होती तो ठीक से निभा पाता,
पता नहीं क्यों तीनों मुझ पर मर रही थी !
Heart touching 2 Line Shayari
नये सफ़र में एकांत को चुना मैंने। क्योंकि
बिना गलती के ही बहुत कुछ सुना है मैंने।
मिलेगी मंजिल तो बड़ी सिद्दत से बताएंगे,
अभी सफ़र में हैं, सफ़र का हाल मत पूछो।
तुम्हारा बदलना मुबारक हो तुम्हें,
हम बदले तो मोहब्बत बदनाम हो जाएगी।
जितने दर्द में तुम बिलख जाते हो,
उससे ज्यादा लेकर हम हंसते फिरते हैं।
वीर आराम नहीं अभ्यास करते हैं,
एक नहीं सौ बार प्रयास करते हैं।
रंग, खूश्बू और मौसम का बहाना हो गया,
अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया।
मैंने दूर नहीं किया किसी को,
जैसे जैसे दिल भरता गया लोग छोड़ते गए।
इश्क ने निकम्मा कर दिया 'ग़ालिब'
अब हम वैसे नहीं रहे जैसे हुआ करते थे।
हवाओं की भी अलग सियासत है साहब,
कहीं राख भड़का देती तो कहीं चिराग बुझा देती।
डर लगता है अब किसी से बात करने में,
कहीं फिर से किसी की आदत ना लग
जाए।
हुस्न का क्या काम सच्ची मोहब्बत में।
आंख मजनू हो तो लैला हसीन लगती
है।।
वफादारी की बातें कर कलेजा मत जला मेरा,
ना जाने क्या क्या बोलूंगा
अगर मुंह खुल गया मेरा।
हम मोहब्बत में बगावत नहीं करते,
वरना उसकी सहेली भी दिवानी
थी।
ये अलग बात है कि सुनी तेरी ही गयी,
वरना खुदा तो मेरा भी वही
था।
ट्रेन की खिड़कियां अब जरूरी नहीं रही,
बस मोबाइल चार्ज हो काम चल
जाता है।।
अफसोस होता है मुझे खुद पर, मैंने हमेशा उन
लोगों,
को अहमियत दी जिनके लिए मैं कुछ नहीं था।
इस वक्त ने तो हमें बहुत कुछ सिखा दिया,
वक़्त पर इंसान बदलता कैसे
है ये भी बता दिया।।
ख़त्म हो गई कहानी, बस चंद अल्फ़ाज़ बाकी हैं।
किसी दिव्य प्रेम की
एक मुकम्मल सी याद बाकी हैं।।
कभी लबों पे हंसी है, तो कभी गमों सा दुःख।
पर तू ना हारना, चाहे
कितने भी आएं सुख - दुख।।
इतना भी ना सताओ कि वो टूट के चूर हो जाए।
कुछ ऐसा करके दिखाओ
कि रिश्ता अटूट हो जाए।।
वो जब कहते थे कभी साथ ना छोड़ेंगे हम।
नया यार मिलते ही वादों से
मुकर गए तुम।।
ना बदली वक्त की गर्दीश, ना जमाना बदला।
सूख गये पेड़, तो
पंक्षी ने भी ठिकाना बदला।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के
टाँके उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश
को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला;
तो हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी;
मुस्कुराने के हुनर में
इतने माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो;
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें।
बस
एक इंसान हूं, तो इंसान ही रहूँ;
किसी को सर पे नहीं उठाना
हमें।।
बहुत मुश्किल नहीं होता किसी का दर्द समझना;
ग़र अपने होते तो
समझ जाते।
किसी को तो इतना हक हमने दिया ही नहीं,
की वो आकर हमारी जिंदगी
बर्बाद कर दे।
हमारी तकदीर को हम पर इतना रहम नहीं;
हमारी भी तकदीर बदले, हमको इतना
वहम नहीं।
हमारी सादगी ने तो बहुत बर्बाद किया, लूट लिए वो भी जिनके लिए हमने एक दिन-रात किया।
लोग मेरे किरदार में कितनी कमी निकालते रहे।
धूल खुद के चेहरे पर थी,
आईना साफ करते रहे।।
Heart touching life shayari
जिंदगी भर बस एक ही भूल करता रहा।
धूल चेहरे पर थी आईना साफ करता रहा।।
खुदगर्ज बना देती है तलब की शिद्दत भी।
प्यासे को कोई दूसरा प्यासा
नहीं लगता।।
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है।
हमेशा जीत ही जाना कमाल थोड़ी है।।
मैं अकेले ही लड़ जाता सारी कायनात से।
उसने पुकारा ही नहीं मुझे जज्बात से।।
हार जाते हैं लोग अपनी ही अना से अक्सर..
और कहते हैं, हम हार गए हालात से।
तेरी कोशिश थी 'चिरागों को बुझा दे मेरे'..
मेरी तो हसरत थी तेरे घर में उजाला जाए।
उल्फत की बात है जरा सलीके से कीजिए।
सड़कों पे हाथ पकड़ कर मोहब्बत नहीं होती।।
जिद जीत की हो तो हालात मायने नहीं रखते।
वो मेरा नहीं हो सकता तो क्या हुआ।
क्या इतनी सी ही बात के लिए मैं उसे चाहना छोड़ दूं?
क्या कह दूं जिंदगी के बारे में;
बस एक तमाशा था जो उम्रभर देखता रहा।
शोहरत नहीं, दौलत नहीं, ना ही वाह वाह चाहिए।
कहां हो, कैसे हो? बस दो लफ्जों की परवाह चाहिए।।
दिमाग़ पर जोर डालकर गिने लिए गलतियां मेरी।
दिल पर हाथ रखकर पूछो,
कसूर किसका था?
Life 2 line shayari
इतने हिस्से में बंट गया, मेरे हिस्से कुछ बचा नहीं।
ज़िन्दगी से बड़ी सजा नहीं जुर्म है क्या पता नहीं।।
मुझे नहीं आता उड़ती पतंगों सी चालाकियां।
गले मिलकर गले काटूं, ऐसा मांझा नहीं हूं मैं।।
शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे।
यही सोचकर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा।।
हवा से कह दो कि खुद को आजमा कर दिखाए।
बहुत चराग बुझाती है, कोई एक जला कर दिखाए।।
अंधेरे चारों तरफ सांय-सांय करने लगे।
चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे।।
सलिका हमने सिखाया था जिनको चलने का।
वही लोग आज हमें दांए बांए करने लगे।।
उम्र ने तलाशी ली तो कुछ लम्हें बरामद हुए।
कुछ टूटे हुए तो कुछ गम के थे।।
लेकिन बस वही सही सलामत निकले;
जो मेरे बचपन के थे।
एक परिंदे का दर्द भरा अफसाना था।
टूटा हुआ था पंख, फिर भी उड़ते हुए जाना था।।
अरे तूफान तो झेल गया मगर हुआ यह अफसोस।
डाली ही टूट गयी जिसपर उसका आशियाना था।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला ,
हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी ,
मुस्कुराने के हुनर में हम इतने माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें.
झूठ से भरे सब अखबार मिल गए।
मेरे मर्ज को हकीम बेकार मिल गए।।
मैं निकला था थोड़ी सी मदद मांगने।
मदद न मिली मशवरे हजार मिल गए।।
जिसे नाचना नहीं आता उसे भी नचा देती है।
यह जिंदगी है साहब हंसते हुए को भी रूला देती है।।
लोग इंतजार करते रह गए कि हमें टूटा हुआ देखें।
और हम थे कि सहते-सहते पत्थर के हो गए।।
बिखेरकर खुद को हवा में उड़ा देता।
एक सूखा हुआ फूल हवा को क्या देता।।
अपनों के दिए घाव चुभते हैं कितने;
दर्द अगर बोलता तो तुम्हें बता देता।।
उसी के सामने आईना धुलता गया उसका।
किरदार हर हालत में घुलता गया उसका।।
हम एक बार लड़खड़ाये क्या कि..
तमाम परतें चढ़ीं थीं चेहरा खुलता गया उसका।।
यही सोच कर हर तपिश में जलता आया हूँ..
धूप कितनी भी तेज हो समन्दर नहीं सुखाता!!
सारी की सारी मोहब्बत मैंने उस खत में भर दी।
फिर भी मगर मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ ना पाया।।
इतना दर्द लिखा मैंने उस कागज के टुकड़े पर।
कबूतर रो दिया लेकर उड़ ना पाया।।
कि तुम्हें हम भी सताने पे ऊतर आएं तो क्या होगा।
तुम्हारा दिल दुखाने पर ऊतर आएं तो क्या होगा।।
हमें बदनाम करते फिर रहे हो तुम अपनी गलियों में।
हम भी सच बताने पर ऊतर आएं तो क्या होगा।।
हर लम्हे यूँ मुझे तंग ना किया कर।
सफर मेरा बैरंग ना कर किया
कर।।
कभी तो जिने दे सुकून का एक पल ऐ जिन्दगी।
हर पल मेरे साथ जंग ना किया कर।।
घड़ी कितनी भी मुश्किल हो मैं सँवर जाऊंगी।
वक़्त के हर तूफ़ां से बच के निकल आउंगी।।
तुम पूछते रहना बस ख़ैरियत मेरी।
मैं दर्द के हर दरिया से उबर आऊंगी।।
Emotional 2 Line Life Shayari
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा।
किसी चराग़ का अपना मकाँ कहां होता।।
मैं उसको भूल गया ये कौन मानेगा।
किसी चराग़ के बस में धुआँ कहां होता।।
वो रात ही नहीं बनी जो मुझको सुला सके,
वो याद ही नहीं बनी जो मुझको रुला सके।
वज्र के समान बन चुका है अब तो दिल भी मेरा,
वो आग ही नहीं बनी जो मेरे दिल को जला सके।।
दुनिया जहां जाना चाहती है,
मैं वहाँ से होकर आया हूं।
मोहब्बत ना करना यारों,
मैं वहीं से तबाह होकर आया हूं..!!
हैसियत कम पर अरमान बहुत हैं।
जिसे देखो परेशान बहुत है।।
सुना था नेकी करोगे तो दुनिया जानेगी।
पर आजकल लुटेरों की भी पहचान बहुत है!!
आया था इस नगर में जब रात हो रही थी।
आँसू टपक रहे थे बरसात हो रही थी।।
बरसों पुराना रिश्ता एक दम बिखर रहा था।
तकलीफ़ उम्र भर की एक साथ हो रही थी।।
मेरे सब्र की आज़माइश ले रहे अभी तक।
जो खींच दूँ ज़रा सी कमान तो मर जायें।।
जो लोग उठाते हैं मुझ पर अब उंगलियाँ।
वो झाँक लें अपने गिरेबान में तो मर जायें।।
कभी आह लब पे मचल गई।
कभी अश्क़ आँख से ढल गये।।
वो तुम्हारे ग़म के चराग़ हैं।
कभी बुझ गये कभी जल गये।।
जो फ़ना हुए ग़म-ए-इश्क़ में उन्हें।
जो न अपनी आग में जल सके।
वो पराई आग में जल गये।।
थोड़ी और बेरूखी अपना लीजिएगा।
मेरे हाल पे खूब जश्न मना लीजिएगा।।
भर देगा वक्त एक दिन तो ज़ख़्म मेरे।
आप ख़ुद को वक्त की मार से बचा लीजिएगा।।
वे दिन गए; अब ये हिमाकत कौन करता है।
कोई जन्नत का तालिब है, कोई ग़म से परेशां है।
गरज सजदे कराती है, इबादत कौन करता है।।
क्या कहते हैं उसको ? हां मोहब्बत कौन करता है।।
Heartfelt sad shayari 2 line
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएं कैसे।
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएं कैसे।।
झुकी हुई पलकों में मेरा ख्वाब सजाए बैठे हो।
दबी हुई हंसी में मेरा ख्याल सजाए बैठे हो।।
किन्हीं ख्यालों को आंखों में सजाए बैठे हो।
मेरा नाम लबों पर लेकर मुस्कुराए बैठे हो।।
कभी जब गौर से देखोगे तो इतना जान जाओगे,
कि तुम्हारे बिन हर लम्हा हमारी जान लेता है।
जो रिश्ते खामोश हैं, उनके लिए शोर नहीं करते हैं।
बहुत लड़ लिए, अब खुद को कमजोर नहीं करते हैं।।
ज़िन्दगी ले जाएगी सबको अपनी मंजिल पे।
जिन राहों को कब का छोड़ दिए,
अब उस ओर नहीं चलते हैं।।
इक रात वो गया था जहां बात रोक के;
अब तक रुका हुआ हूं वहीं रात रोक के।
तेरे दर पर रोज आने का मन करता है।
तुझे देखकर मुस्कुराने का मन करता है।।
तूं भी समझेगी एक दिन मेरी मोहब्बत को।
तुझे पर सब कुछ लुटाने का मन करता है।।
होने थे जितने खेल मुकद्दर के हो गए।
हम टूटी नाव लेकर समंदर के हो गए।।
जब एहसास कोई चेहरा हो जाता है।
मंजर मंजर आईना हो जाता है।।
और माली चाहे कितना भी चौकन्ना हो।
फूल और तितली में रिश्ता हो जाता है।।
इनमें अक्सर उम्मीदों की फसलें उगती देखी हैं।
ख़्वाबों को बंजर आंखों में बोया भी जा सकता है।।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ, ऐसे तो मेरे हालात नहीं।
एक ज़रा सा दिल टूटा है, और तो कोई बात नहीं।।
ख़ुद का इतना दुनियादार नहीं कर सकते।
आधे दिल से पूरा प्यार नहीं कर सकते।।
नहीं कोई मेरे दर्द का शरीक ;
मैंने अपने आंसू " खुद पोंछे हैं।
और क्या देखने को बाक़ी है ?
आप से दिल लगा के देख लिया !
HEARTFELT LIFE SHAYARI
माना कि तेरी प्यार के क़ाबिल नहीं हूं मैं;
फिर भी तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतज़ार देख !
तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊंगा।
साँस साथ छोड़ेगी, सुर सजा ना पाऊँगा।।
हो भले मद्धम मगर एक रोशनी मालूम हो।
जब कहीं हो आदमी तो आदमी मालूम हो।।
बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में ?
मुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है।।
अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला।
हमने भी अपना लिया हर रंग ज़माने वाला।।
ये पहला इश्क़ है तुम्हारा सोच लो !
मेरे लिए तो ये रास्ता नया नहीं ।
चाहा मगर गले से लगाया न जा सका,
इतना वो गिर गया कि उठाया न जा सका।
होंठों पे आ न पाया तो आंखों में नम हुआ,
मैं इश्क़ था किसी से छुपाया न जा सका।।
मन्ज़र पे मुझको आने में कुछ देर तो लगी,
लेकिन जब आ गया तो हटाया न जा सका।।
मैं उसके छूने से अच्छा हुआ, बताता किसे ?
सभी ने पूछा था मुझसे दवा के बारे में !
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है।
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है।।
मसअला ये नहीं कि इश्क़ हुआ है हमको।
मसअला ये है कि इज़हार किया जाना है।।
बेड़ियां बंधी हैं जिस्म पर, परिंदें नोच खा रहे हैं,
देख तेरे विरह में ये कैसे ख्वाब आ रहे हैं..!!
दुखते है ज़ख्म दिल के इसलिए कम लिखते हैं,
मोहबब्त लिखे जमाना हुआ अब सिर्फ़ गम लिखते हैं!
उसपर दीवाना होना सिर्फ मेरी खता नहीं यारों!
कुछ कुसूर तो उसकी सादगी भरी सूरत का भी है।
कमजोरियां मत खोज मुझ में ऐ दोस्त,
एक तू भी शामिल हैं मेरी कमजोरियों में..!!
HEARTFELT LIFE SHAYARI
अब तेरी शिकायत किससे करें,
हर सख्श से कहा था तुझसे बेहतर कोई नहीं.!
खामोश रहे तो हर पल सताए जाओगे,
आवाज उठाई तो गद्दार बताए जाओगे।
खबरों की मंडी में सफेद झूठ बिकता है,
सच्चाई खोजने निकले तो दबाए जाओगे।।
कठिन है यहां किसी को अपनी पीड़ा समझाना।
दर्द उठे तो, सूने पथ पर पाँव बढ़ाना, चलते जाना।।
चेहरे पर एक चेहरा और लगाना पड़ता है..
मैं ठीक हूं, ऐसा कहकर मुस्कुराना पड़ता है..!!
खाली जेब लेकर निकलो कभी बाजार में,
वहम दूर हो जाएगा इज्जत कमाने का.. !
थका हुआ हूं थोड़ा, जिंदगी भी थोड़ी नाराज है,
पर कोई बात नहीं, ये तो रोज की बात है.. !
जरूरी नहीं की हम सबको पसंद आएं,
बस जिंदगी ऐसे जियो के रब को पसंद आए.. !
सता ले ए-जिंदगी जितना सताना है,
मुझे कौन सा इस दुनिया में दोबारा आना है!
जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पे नज़र है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था,
हमीं सो गए दास्तां सुनाते - सुनाते।
जो गुज़ारी न जा सकी हमसे
हमने वो ज़िंदगी भी गुज़ारी है।
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है,
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है।
कुछ ऐसे सिलसिले भी चले ज़िंदगी के साथ,
कड़ियां मिलीं जो उनकी तो ज़ंजीर बन गए।
Zindagi Shayari in Hindi on Sad
ज़िंदगी तूने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं,
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है।
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का नाम है जनाब,
मुर्दा-दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं।
हम तुम मिले न थे तो जुदाई का था मलाल,
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ,
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ।
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन,
आरज़ू में कट गए दिन इंतिज़ार के।
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से।
तुम तो मोहब्बत को खेल कहते हो,
हम ने तो बर्बाद ज़िंदगी ही कर ली।
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त,
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में।
यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं की,खैरियत
पूछने वाला आपकी खैरियत भी चाहता हो..!
जिंदगी पर बेहतरीन शेरों शायरी
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रह गया।
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया ,
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया।
किसी तरह तो जमा कीजिए अपने आप को,
काग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के।
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें,
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।
सबर मेरा कोई क्या ही आजमाएगा,
मैंने हंसके छोड़ा है उसे जो मुझे सबसे प्यारा था..!
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं,
ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका।
तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है,
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती।
माँ की आग़ोश में, कल मौत की आग़ोश में; आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले।
ज़िंदगी में एक सोच बेमिसाल रखो,
हालात चाहे जैसे भी हो चेहरे पर मुस्कान रखो..!
सहमी हुई थी झोपड़ी बारिश के खौफ से,
महलों की आरजू की जरा जम के बरसे..!
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता,
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता।
गलत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना,
बहुत हैं फ़ायदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता।
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है,
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता।
बुलंदी पर उन्हें मिट्टी की ख़ुश्बू तक नहीं आती,
ये वो
शाख़ें हैं जिन को अब शजर अच्छा नहीं लगता।
ये क्यूँ बाक़ी
रहे आतिश-ज़नो ये भी जला डालो,
कि सब बे-घर हों और मेरा हो
घर अच्छा नहीं लगता।
नींद उड़ गई रात की,
जब अपनों ने बात की औकात की..!!
सवंरना ही है तो दुसरो की नजरो में सवंरिये,
आईने से खुद का मिजाज नहीं पूछा करते।
मज़बूरी में पहन ले फिर दे उसे उतार,
हैल मैट सा हो गया है लोगों का किरदार।
Heart Touching Life Shayari
दुनियाँ की सबसे बेहतर दवाई है "जिम्मेदारी,"
एक बार पी लीजिये जिंदगी भर थकने नहीं देगी।
जरूरत पड़ी तो खुल गए असल किरदार,
बातों से तो मुझे हर शख्स
वफादार लगता था।
दुःख आए तो ये मत समझना
की तुमने बुरे कर्म किए होंगे,
क्योंकि दुःख इसलिए आए हैं की
तुम्हें कुछ बड़े काम के लिए चुना है।
मोबाईल कम्पनी अगर सच बोलने लगे तो दंगे हो जाये,जिससे आप सम्पर्क करना चाहते हैवो जानबूझ कर फोन नहीं उठा रहा।
जीवन में उजाला चाहिए तो खुद का दिया जलाओ, दुसरों की मोमबत्ती के सहारे जिंदगी रोशन नहीं हुआ करती।
शिकायत करने को भी, एक रिश्ता होना जरूरी है,
मेरा आपसे वही रिश्ता है महादेव..!!!
यूँ ही नहीं कोई बागी हो जाता है,
चोट इतनी गहरी होती है कि
तमीज का दायरा खुद ब खुद टूट जाता है।
जिसका नसीब आप संवारते हो महादेव,
उसका भला कोई क्या बिगाड़ सकता है।
दिल में इंसानियत ना हो तो खूबसूरती का क्या फायदा, दिलों के शहंशाह अक्सर फकीर हुआ करते है।
कभी संभलें तो कभी बिखरते नजर आये हम,
जिंदगी के मोड़ पर खुद सिमटते आये हम।
यूँ तो जमाना खरीद न पाया मुझे,
बस प्यार के दो लफ्जों से सदा बिकते आये हम।
जरुरी नहीं के मुरझाये चेहरे के दर्द गहरे होते है,
कभी, खुश-मिजाज इंसान भी भीतर से टूटे हुए होते है।
बेटियों का दुःख समझना बहुत मुश्किल होता है,
इनके लिए उस घर में जगह नहीं होती जहां वो जनम लेती है।
एक ही खामी है हममें, ना छल है और
ना छल कपट समझ में आता है,
और शायद इसीलिए बुरे बन जाते है।
मजबूरियों का खेल है साहब,
वरना कौन अपनी हसरतों को बेड़ियों में जकड़ता है।
ईमानदारी से जिंदगी जीने से कुछ मिले या ना मिले,पर यह सुकून जरूर मिलता है कि मैंने कुछ ग़लत नहीं किया।
इंसान की वाणी ही एक कीमती आभूषण है,
इसके गलत इस्तेमाल से इंसान की चमक फीकी पड़ जाती है।
अपनी बातों से पलटने वाले लोग,
खुद के भी सगे नहीं होते।
"चेहरों" पे सजा लेते है "नकाब" क्या-क्या,
लोग " थकते" ही नहीं "किरदार " निभाते-निभाते।
ये जो " डूबी" है "आँखे" मेरी अश्कों के दरियाँ में,
ये "मिट्टी" के बने इंसानो पे भरोसे की सजा है।
वफाओं के सिले कम ही मिले,
ख़ुशी के बदले सिर्फ गम ही गम मिले,
और एक बात समझ नहीं आयी ग़ालिब
सबको दिल दुखाने के लिए हम ही मिले।
प्रकृति हो या स्त्री अगर उसके साथ खिलवाड़ हुआ,तो विनाश का द्वार खोलती है।
आँखे खराब हो गई "औलाद" पालकर,
अब बच्चे बात करते है "आँखे" निकालकर।
समंदर छोड़ कर आये थे जिनके लिए हम,
बस दो घूँट पानी पे बातें सुना गए।
ज़रूरी नहीं कि कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाएं,लहज़ा बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है।
हूं अगर खामोश तो ये न समझ
कि मुझे बोलना नहीं आता,
रुला तो मैं भी सकता था पर
मुझे किसी का दिल तोड़ना नहीं आता।
किनारों पर मोती मिला नहीं करते,
दर्द में कभी गिला नहीं करते,
हम अच्छे न सही बुरे ही सही,पर हम जैसे बुरे भी हर किसी को मिला नहीं करते।
वक्त का पासा कभी भी पलट सकता है,
सितम वही कर जो तू सह सके।
दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी,
हम ना रहे तो हमें याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं,
पर एक दिन मेरे लिये वक़्त बरबाद करोगे तुम।
तेरी धड़कन ही जिन्दगी का किस्सा है मेरा,
तू जिन्दगी का एक अहम हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत तुझसे सिर्फ लफ़्ज़ों की नहीं है,
तेरी रूह से मेरी रूह तक का रिश्ता है मेरा।
किसी को माफ़ करके अच्छा जरूर बने,
लेकिन उस पर दोबारा
विश्वास करके बेवकूफ़ ना बने।
हर लम्हा सिर्फ तेरा एहसास हो,
तेरे साथ हर दिन हर रात हो,
मैं चलूं साया बन कर संग तेरे,
और मेरा हमसफर बस मेरे साथ हो।
कागज की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल आवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।
उलझा रह गया चालाकियों में ही मेरा हमनवां,उसे पता ही ना चला उसने सादगी वाला हमसफ़र खो दिया।
नजरों में सम्मान और बोलने में मर्यादा किसी भी रिश्ते की सबसे मजबूत डोर होती है।
तुम्हारा एकांत ही तुम्हे मनुष्य बना सकता है,
भीड़ तुम्हे भेड़ बना देगी।
तेरी कागज की कश्ती क्या पार हो गई,
तू समझता है कि समुंदर की हार हो गई।
जुड़े रहने के लिए बेइंतहा भरोसा चाहिए,बिछड़ने के लिए तो एक गलतफ़हमी ही काफी है।
सपनों को जिंदा, मन को शांत रखो।
दूषित परिवेश से बेहतर, एकांत
रखो।।
इसलिए सब हैं महफ़िल में नाराज मुझसे,
कि खुद्दारी झुकने नहीं देती, अदब उठने नहीं देता।
अच्छा लिखना ही शानदार नहीं होता साहब।
पढ़ने वाला भी समझदार होना चाहिए..!!
बनके एक हादसा बाजार में आ जायेगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जायेगा।
चोर उचक्कों की करो कद्र, की मालूम नहीं,
कौन, कब, कौन सी सरकार में आ जायेगा।
मैं बे-पनाह अँधेरों को सुबह कैसे कहूँ,
मैं इन नज़ारों का अंधा तमाशबीन नहीं।
कहें क्या खेल ऐसा भी कभी क़ुदरत ये करती है,
जो काशी जीत जाता है अयोध्या हार जाता है।
लकीरों से नहीं, मेहनत से मुक़द्दर बयां होगा।
कभी होंगी आँधियां, तो कभी सामने तूफ़ां होगा।।
ज़िन्दगी के समंदर में यूँ नहीं पार लग पाएंगी,
तेरी कश्तियों का चप्पे चप्पे पर इम्तेहां होगा।
दुनिया को चलो परखें, नए दोस्त बनाएँ। हर शख़्स ज़माने में वही तो नहीं होगा।
क्या पता कब कहाँ मारेगी?
कि मैं ज़िंदगी से डरता हूँ,
मौत से क्या डरना है मेरे भाई,
वो तो बस एक बार मारेगी।
रख आए हैं हम अपनी मोहब्बत उनके दरवाजे पर,
अब हमें अपने घर की जिम्मेदारियां संभालनी हैं!
जहाँ से शुरू किया था सफ़र फिर वहीं खड़े हो गए,
अजनबी थे लो हम फिर अजनबी ही हो गए..!!
किसी भी व्यक्ति को ज्यादा समझाने और सुधारने में मत लग जाना। ज्यादा कोशिश करोगे तो वह व्यक्ति तुमसे ही नफरत करने लगेगा।
हम तो आज़ाद परिंदे हैं दोस्त,
तुम्हारे जैसे किसी परी के गुलाम नहीं..!
हमें दुश्मनों की कमी नहीं है। जिसका भला करते हैं वही दुश्मन बन जाता है हमारा .!!
पहले शीशों का महल फ़िर दो ग़ज़ ज़मीन के मालिक, मौत का फ़रिश्ता पल भर में जागीर बदल देता है।
शब्दों की चोट क्या है शिलालेखों से पूछो,
जिनकी सभ्यताएं मिट गई पर घाव ना भरे!
छल कपट का खेल तुम्हें मुबारक़,
हम तो सीधे - सीधे नाता तोड़ लेते हैं।
जहां चोट पहुंचे हमारे आत्मसम्मान को,
वहां से हम रास्ता अपना मोड़ लेते हैं।।
हमें ना बताइए कि महफ़िल में इंतज़ाम क्या है,
हमने उमड़ती दावतों में बिखरता रायता देखा है।
नदियां लाशों को पानी में नहीं रखती हैं, जनाब!
तैरे या डूबे किनारे तो सभी जायेंगे !
चाहे कितनी भी बुलंदी पे चला जाये कोई,
आसमानों से उतारे तो सभी जाएंगे।
वक्त ऐसा न दो कि भीख लगे,
बाकी जो तुम्हें ठीक लगे....!!
न तेरी शान कम होती, न रूतबा घटा होता।
गुस्से में जो कहा, काश वही हंसके कहा होता !!
भड़ास कहां तक पाली जाए,
गुलामी कहां तक टाली जाए।
तू है
............ का चमचा,
तो चाट जहां तक नाली जाए।
ऐ मुहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,
तू उसे मिलेगी जिसे तेरी
कोई परवाह नहीं..!
वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या?
जिस पथ पर बिखरे शूल न हो;
नाविक
की धैर्य परीक्षा क्या ?
यदि धाराएं प्रतिकूल ना हों।
कोई तड़पता रहा हमें पाने के लिए,
तो कोई पाकर भी औरों को
खोजता रहा।
मैंने यह सोच के नहीं बोए ख्वाबों में दरख़्त,
कि जंगल में लगे पेड़ों को कौन पानी देगा।
बदली तेरी नजर तो नजारे बदल गए,
यह चांदनी यह चांद सितारे बदल गए।
मैं भी यही हूं और मेरी मोहब्बत है वही,
फिर क्यों तेरे नजर के इसारे बदल गए।।
गैरों की बात का ना बुरा मान ऐ जिगर,
हम क्या कहें कि हमसे हमारे बदल गए।
घमंड ना कर जिंदगी में तकदीर बदलती रहती है,
आईना वही रहता है तस्वीर बदलती रहती है।
मिलते जुलते हैं लोग यहां जरूरत के लिए।
हम तेरे शहर में आए हैं मोहब्बत के लिए।
वो भी आखिर तेरी तारीफ में ही खर्च हुआ।
मैंने जो वक्त निकाला था रूख्सत के लिए।।
हसीन लोगों से मिलने में ऐतराज ना कर,
ये वो जुर्म है जो शादीशुदा भी करता है।
खिझाया, मिटाया, सताया बहुत था,
जमाने ने हमको रुलाया बहुत था।
हमने ना छोड़ा फिर भी मुस्कुराना,
पर उसने तो दिल को दुखाया बहुत था।
मेरी नजर में वो शख्स आदमी भी नहीं,
जिसे लगा है जमाना खुदा बनाने में।
ऐ मौत! तूं उस समय आना जब मैं सजदे में हूं।
कि तुझे आने में और मुझे जाने में मजा आए।
जिंदगी एक दिन मेला दिखाने ले गई थी।
भीड़ में अपनी उंगली छुड़ाकर;
ना जाने कहां गुम हो गई !
उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है।
कोई जहर खुद को मीठा नहीं बताता है।
हस्र है कि कल अपने को देखा मां की आंखों में,
ये आईने कभी अपने को बूढ़ा नहीं बताता है।।
मौत से बचने की एक तरकीब है,
कि दूसरों के जेहन में जिंदा रहो।
तुमका जानो तोहें दिल से मानित है,
तोहरा नगरी के खाक छानित है।
और सकल देख के बुद्धू न कहो,
हमहूं प्यार करल जानित है।।
कहत रहेन ना फंसो प्यार के चक्कर मा,
झुराके हो गयो छोहारा उल्लू हौ।।
तू चाहत हो भाईचारा उल्लू हौ,
देखै लागे दिनै में तारा उल्लू हौ।
दहेज में मारूती पायो खुशी भई,
दुल्हिन पायो महा खटारा उल्लू हौ।।
यह तो सरासर झूठे दिल से तूने मुझे अपनाया है।
मुझसे लिपटकर रहने वाले कौन तुझे याद आया है।।
कि कहू शांति वाला मंजर ना पइहौ,
मई जून पईहौ, नवम्बर भले पइहौ।
जवन भाव घी पीवा है बचपने मा,
वो भाव आज मा गोबर ना पइहौ।।
कि हिजरतों के दुख बिछड़ते खानदानों का सफर।
ना जाने कब खत्म होगा उजड़े मकानों का सफर।।
हम कहां सबके साथ उड़ते हैं,
सिर्फ टूटे हुओं से जुड़ते हैं।
अरे जितने वाला तो सभी का हो ही जाता है,
पर जो हारे वो हमारे होते हैं।।
खुद पर भरोसा रखना दोस्त, क्योंकि
सपने और अपने कभी भी बदल सकते हैं।
बड़ी ही शान से रहते थे जिसमें लोग कभी,
अब उन्हीं मकान में मकड़ियों का जाला है।
बहुत गुरूर है तुझे अपनी दौलत पर,
इसी गुरूर ने तो कितनों को मार डाला है।।
कि हुए गुनाह तो होने से कुछ नहीं होगा,
सबूत दीजिए, रोने से कुछ नहीं होगा।
कि सबब तलाश कर अपने हार जाने का,
किसी के जीत पर रोने से कुछ नहीं होगा।।
अपनी लिक्खी हुई तकदीर पर हंस लेते हैं,
अपने जज्बातों को जंजीर से कस लेते हैं।
ये मेरा अपना तजुर्बा है कि वक्त आने पर,
सांप तो सांप क्या इंसान भी डंस लेते हैं।।
मिल गयी है तो ये निस्बत नहीं जाने वाली,
जो मिली मुझको वो शोहरत नहीं जाने वाली।
मैं खिलौना हूं मगर रहमते दरबार का हूं,
टूट भी जाऊं तो कीमत नहीं जाने वाली।।