Best Attitude Shayari in Hindi
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खून के रिश्ते कभी नहीं बांटे हमने,
गैर बच्चों को कभी नहीं डांटे हमने।
और खुद मेहनत से कमाया है अपना नाम,
किसी के बाप के जूते नहीं चाटे हमने।।
इतनी सी है बस उसकी पहचान हमारी नजरों में,
वो है अपने दर का ही दरबान हमारी नजरों में।
जिसकी दौलत पेट नहीं भर पाए चंद गरीबों का,
दो कौड़ी का है ऐसा इंसान हमारी नजरों में।।
अधूरे आदमी से हम अधूरी बात करते हैं,
मुसाफिर हैं सफ़र चालाकियों के साथ करते हैं।
ओ मेरे दोस्त हैं लेकिन मेरे दुश्मनों से बदतर हैं,
बुराई मेरे पीछे जो मेरी दिन रात करते हैं।
कि बड़े सस्ते में बेची है मासूमियत चेहरे की,
कच्ची उम्र में जिम्मेदारियां लिए खड़ा हूं।
और तुम्हें क्यों लगता है हम दोनों एक जैसे हैं,
तुम बड़े घर के हो और मैं घर का बड़ा हूं।।
हमें सूरज से नहीं है डर, अंधियारा नहीं हूं मैं।
अभी उठकर लडूंगा, हारा नहीं हूं मैं।।
हममें प्यार से देखो, तो प्यार ही पाओ।
नज़रें फेर लें वे अपनी जिन्हें प्यारा नहीं हूं मैं।।
लहू रिसने नहीं देता कभी जो अपने अंदर से,
जमाना सोचता है जख्म वो ताजा नहीं होता।
बस आंखों की उदासी खोलती हैं राजे दिल वरना,
मेरे चेहरे से मेरे गम का अंदाजा नहीं होता।।
सब कश्तियां जला कर चले साहिलों से हम,
अब तुमसे क्या बताएं कि उस पार कौन है।
और ये फैसला तो वक्त भी शायद ना कर सके,
सच कौन बोलता है अदाकार कौन है।
मेरी तड़प पर जो सिद्दत से मुस्कुराए हैं,
पता लगाओ वो अपने हैं या पराए हैं।
और तमाशा देखने वे मेरे डूब जाने का,
मेरी ही बनायी हुई कश्तियों में आए हैं।
संबधों में संतुलन बनाए रखना सरल नहीं श्रीमान, लतियाने योग्य व्यक्तियों को भी घर वालों के सम्मुख सम्मान देना पड़ता है।
Mitti ka jism lekar paani ke ghar mein hun,
Manzil hai mut meri hr pal safar mein hun
Hona hai qtl mera ae malum hai mujhe, par
Khabar nahi ki kiski nazar mein hun।।
अभी मगरूर है लेकिन बहुत पछताएगा उस दिन।
तू हमसे क्या हमारे साये से घबराएगा उस दिन।।
हमारे हाथ से छूटेगा जिस दिन सब्र का दामन।
औकात का तुझको पता चल जाएगा उस दिन।।
क्या गलत क्या है सही यह तो खबर होती है,
अपनी मर्ज़ी भी कोई चीज मगर होती है।
और झूठ के ढेर में से जो निकाल ले सच को,
इतनी बारिक कहां हर किसी की नजर होती है।।
मर्द होते हैं वही बस जंग के मैदान में,
तानकर कातिल के आगे जो भी सीना आ गया।
जिसके दिल से निकल जाता है मर जाने का डर,
यूं समझ लो उस इंसान को जीना आ गया।।
हम भी रखते हैं दिल पहाड़ों सा,
चाहे सदमे कई हजार आ जाएं।
और आदमी फिर जल्दी नहीं उठ पाता,
जब गिराने पर खुद उसी के यार आ जाएं।।
थी पसीने से ज्यादा प्यार की जिनमें महक,
एहतरामन हमने वो सिक्के उछाले ही नहीं।
और तब उड़ाया जब खुद कमाना आ गया,
बाप के पैसों पर हमने शौक पाले ही नहीं।।
सर झुकाने की आदत नहीं,
आंसू बहाने की आदत नहीं,
अगर हम बिछड़ गए तो रोते फिरोगे,
क्योंकि हमारी फिर लौट के आने की आदत नहीं।
हीरे के टुकडें को सोना समझ लिया,
आपने हमको शख्स घिनौना समझ लिया।
हमने तो आपको अपना दिल दिया था बस,
आपने तो बाजार का खिलौना समझ लिया।।
किसी ने हिजरतों का ऐसा ग़म बसर नहीं किया।
ख़ामोश हो के चल दिए अगर मगर नहीं किया।।
हुज़ूर हम से बेवफ़ाई का गिला ना कीजिए।
यही तो एक काम है जो उम्र भर नहीं किया..!!
जिस कद़र लोग चढ़े हैं तरक्की की सीढ़ियां,
उस कद़र कम हो गए जज्बात हर इंसान में।
पहले स्टेशन पर रोते थे किसी को छोड़कर,
अब तो आंखें नम नहीं होती हैं कब्रिस्तान में।।
Ye mat sochna ki aas chhod di hai,
Bas ab maine teri talaash chhod di hai!!
Zubaan meri kadvi magar dil to saaf hai,
Are.. kaun kab badla sabka hisaab hai!
अब राज तो हमारा हर जगह पर है,
पसंद करने वालों के दिल में भी और,
नापसंद करने वालों के दिमाग में भी!
सुबह का चढ़ता ये सूरज शाम तक ढ़ल जाएगा,
जो बुझा बैठा है कोई वो दीया जल जाएगा।
और वक्त के दरिया में तुफां तुम जरा आने तो दो,
कौन कितना पानी में है सब पता चल जाएगा।।
दगा भी दूंगा प्यार में कभी कभी, ये मेरा वसूल है कबूल है, और तूं रूठेगी तो भी तुझे नहीं मनाऊंगा, जो रुल है वो रुल है कबूल है?
Boy Attitude Shayari - Cool and Savage Lines
ज़ख्मों दिल को आंसुओं से तुम हरा नहीं करना,
काम अपने हाथ से कुछ बुरा नहीं करना।
वह बची खुची हिम्मत को भी खत्म कर देगा,
तुम किसी बुझ-दिल से मशवरा नहीं करना।।
अंधेरी रात में रहकर उजाले बांट लेते हैं,
दिलों के जख्म और हाथों के छाले बांट लेते हैं।
और वहां पर पेट भर जाते हैं प्यार से अक्सर,
जहां पर मिलजुलकर दो भाई निवाले बांट लेते हैं।।
हिंदू से ना मुस्लिम से ना सिख इसाई से मतलब,
कि खतरे में डालेंगे सभी की जान को एक दिन।
जो सियासत कर रहे हैं मजहब की इन दिनों,
अपाहिज करके छोड़ेंगे वे हिंदुस्तान को एक दिन।।
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हर एक दास्तान चाहेगी किरदार भाई का,
महसूस करके देखो कभी प्यार भाई का।
तब हार मान लेती है सारी मुसीबतें,
बनता है जब भाई मददगार भाई का।
कांच के टुकड़े को पलकों से उठा लेता हूं मैं
जिंदगी की बेरुखी अक्सर निभा लेता हूं मैं।
मुझको अपनेपन की इस कदर भूख है,
प्यार से मिलता है तो धोखा भी खा लेता हूं मैं।।
पत्थरों के जैसे निकले थे, वो नशे मन,
जो देखने में आईना खानों की तरह थे।
वो साथ रहकर भी मेरे कभी हो ना पाए,
कुछ रिश्ते किराये के मकानों की तरह थे।।
जो बड़ा तैराक था उसे डुबोकर आ गया,
आज मैं पानी को ही पानी से धोकर आ गया।
चार कांधों की जरूरत तो अब पड़ेगी जिंदगी,
मौत की दहलीज तक मैं तुझको ढोकर आ गया।।
राजदार बड़े हैं बड़े गदराए हुए हैं,
सच मान ना यह फल सब मेरे खाए हुए हैं।
दिन रात उड़ा रहे हैं जो आंखों की नींदे तुम्हारी,
वो ख्वाब मेरी आंखों से ठुकराए हुए हैं।।
जिंदगी को खुलकर जियो और मौत का डर मार दे,
हौसले के पत्थरों पर गम पटक कर मार दे।
चार कतरे भी मिले इज्जत से तो कर कबूल,
भीख में ग़र मिले दरिया तो भी ठोकर मार दे।।
पर्दा खुद अपने राज से खुद ही हटा दिया,
वह जख्म अपने जिगर का बे-दिलों को दिखा दिया।
गैरों ने मेरे गम की हिफाजत की मगर..,
अपनों ने शहर भर में तमाशा बना दिया।।
मिले कीमत तो जालिम को भी मजलूम कहते हैं,
बड़े चालाक हैं वो जो खुद को मासूम कहते हैं।
जो दौलत के लिए भी मार लेते हैं ज़मीर अपना,
हम ऐसे जिंदा इंसानों को भी महरूम कहते हैं।।
मैं हूं पत्थर या फिर आइना हूं मैं,
कोई बतलाए तो हमें कि आखिर क्या हूं मैं।
आप कहते हो कि मैं आप जैसा हूं,
तो फिर समझो कि बहुत बुरा हूं मैं।।
इस जिंदगानी के तपते सेहरा में,
गुलशनों का रिवाज मत रखना।
पाएंगे तो लोग पैरों तले मसल देंगे,
फूल जैसा मिजाज मत रखना।।
खामोशी का लप्पड़ ताला पड़ना है,
आज भी दिल पर एक तो छाला पड़ना है।
गलती कर दी है हमने तो दूध पिलाकर,
अब सांपों से रोज ही पाला पड़ना है।।
तुम क्या जानो कैसी है दिल की हालत,
कैसे-कैसे जहर रगों में बहते हैं।
और है तो है मेरे किरदार में चंदन की खुशबू,
मुझसे आकर सांप लिपटते रहते हैं।।
इंसान भी समझते नहीं आज मुझको लोग,
एक रोज पर फरिश्ता कहा जाऊंगा मैं।
ताउम्र मुझमें ऐब तलाशे गए मगर,
मरने के बाद अच्छा कहा जाऊंगा मैं।
Aisi benuriyan nahi hoti, besabab dooriyan nahi hoti. Ki kuch ki to fitrat hi bewafai hoti hai, Har samay kisi ki majburiyan nahi hoti.
दिल में मायूसियों का डेरा है,
कौन जिंदगी में है जो मेरा है।
जिंदगी भर जिन्हें मैं समेटता रहा,
उन्हीं सब ने मिलकर आज मुझे बिखेरा है।।
नफरत जगाए रखते हो तुम दिल में हर घड़ी,
मेरा खलुसे दिल भी कहीं खो गया तो फिर।
मुझसे बुरा सलूक करो पर यह भी सोच लो,
मैं भी कहीं तुम्हारी तरह हो गया तो फिर।।
प्यार का अमृत पी पीकर जो पलते हैं,
वही सबसे ज़्यादा ज़हर उगलते हैं।
सीधी राह दिखाओ चाहे जितनी भी,
सांप हमेशा आड़े तिरछे ही चलते हैं।।
परेशां हाल हो जाएंगे हंसना भूल जाएंगे,
ये बादल एक दिन हम पे बरसना भूल जाएंगे।
अगर किरदार इंसानों का सांपों को बता दूं मैं,
यकीनन शर्म से ये सांप डसना भूल जाएंगे।।
दस्तार को उतारना आदत नहीं मेरी,
खुद ही अपने दिल को मारना आदत नहीं मेरी।
देनी थी तुझे एक बार जीत की खुशी,
वरना किसी से हारना आदत नहीं मेरी।।
जहां दिल नहीं मिलता वहां हाथ भी नहीं मिलाते।
तेरे जैसों को हम हाथ भी नहीं लगाते।
हम घमंड में नहीं रहते, हां गुरुर करते हैं।
इश्क हो या जंग हो, भरपूर करते हैं।।
कोई बात करे तो ठीक कोई ना करे तो ठीक।
इस वाले राह पर सवार हो गया हूं मैं।।
लोग समझते हैं मुझमें गुरुर आ गया है।
मुझे लगता है अब समझदार हो गया हूं मैं।।
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है।
जब जीभ जलने पर चाय नहीं छोड़ा,
तो दिल जलने पर इश्क़ क्या खाक छोड़ूंगा।।
कुछ लोग सोचते हैं,
उनकी चालाकियां हमें नज़र नहीं आती।
पर हम खामोशी से देखते हैं,
उन्हें अपनी नजरों से गिरते हुए।।
अरे बहुत उठा लिया फायदा मेरा उन्हें लगता था
ग़म जुदाई का हम पी ना सकेंगे।
अरे दफा कर दिया उनको अपनी जिन्दगी से,
जिन्हें लगता था उनके बिना हम जी ना सकेंगे।।
वो था जमाना गुजर गया कब का।
जो था दीवाना मर गया कब का।।
उसका जो हाल है वहीं जाने।
अपना जो जख्म था भर गया कब का।।
किसी के पीछे पीछे नहीं फिरा जाएगा,
चाहे मुकाम के लिए कितना भी लेट करना पड़े।
अजी जो भी हासिल करेंगे अपने दम पर।
पर किसी को इतना फालतू न समझो दोस्त
कि
उसकी फालतू लिस्ट में आने के लिए वेट करना पड़े।।
जो तुम्हें अहमियत नहीं देता,
उसके आगे पीछे मत फिरो।
जो तुम्हारा है तुम्हें मिल जाएगा,
बार बार फोन करके उसकी नज़रों में मत गिरो।।
हुस्न आवाज में आवाज मिलाता था कभी,
आजकल इश्क की फरियाद हुए बैठे हैं।
और तुमने जो शौक मोहब्बत का पाल रखा है,
हम इसी शौक में बर्बाद हुए बैठे हैं।।
ग़र जरा भी ज हर उगला तू हमारे वास्ते,
ज़ हर वो सारा तेरी रग रग में भर डालेंगे हम।
हैं अदालत और वकालत सब तेरी तो क्या हुआ,
फैसला आन द स्पॉट कर डालेंगे हम।।
दोस्तों की महफिल से तो बस इतना नाता है,
तब जाता हूं जब कोई रात दिन बुलाता है।
सामने तुम्हारे बस शहद है जबानों पर,
और जाते ही बस जहर उगला जाता है।।
भरोसा टूटा है, वहम की दवाई मत दो।
कहीं और जाके मुंह मारो हमें सफाई मत दो।।
उसे कह दो कि ज्यादा औकात औकात न करे।
मैं अपनी औकात पर आ गया
तो उसकी औकात लिख दूंगा।।
है मेहनत हमारे खून में,
मुश्किलों से कैसे डर जाना।
मैं ऊपर वाले का हाथ पकड़ कर चलता हूं,
जमीन पर रहने वालों से क्या घबराना।।
अजी हम बचाते बचाते थक गए,
तूने एक पल में रिश्ता तोड़ दिया।
तूने झूठ बोलने में अखबार को भी पीछे छोड़ दिया।।
ये किससे इश्क़ का कानून पढ़कर आ गए हो,
मोहब्बत छोड़ बदन के लिए पगला गए हो।
तुम्हारा मुस्कुराना जान ले लेता था मेरी,
बिछड़कर तुम मुझसे फूल से मुरझा गए हो।।
मेरे किस्से दूसरों को सुनाते फिरोगे।
दीया मेरे नाम का जलाते फिरोगे।।
कुछ और दिन इंतजार कर लो मेरी जान।
मेरी मौत कई स्टोरी लगाते फिरोगे।।
कोरे कागज पर रो रहे हो तुम।
मैं तो समझा पढ़ें लिखे हो तुम।।
क्या कहा मुझसे दूर जाना है।
इसका मतलब है जा चुके हैं तुम।।
दुनिया का तो पता नहीं,
मगर मेरा यह कायदा है।
जहां निभाने से ज्यादा बहाने मिले,
वहां पीछे हटने में ही फायदा है।।
कुछ जिधर की हवा होती है उधर चल पड़ते हैं।
हालांकि यह काम कचरे का होता है।।
तुम रूठ जाते तो मना लेता।
तुम रूठ जाते तो मना लेता।।
मगर यहां मसला रूठने का नहीं।
तुम तो बदल गये हो।।
हक से दो तो नफरत भी ले लें हम।
खैरात में तो मोहब्बत भी नहीं लेते।।
घेर कर प्यादों से मरवा दे जो एक राजा को,
वो बहादुर कभी सच्चा नहीं लगता मुझको।
चाल चलता ही नहीं मैं कभी अपनों के खिलाफ,
खेल शतरंज का अच्छा नहीं लगता मुझको।।
जो सबकी टालकर मेरी बात सुने वो चाहिए।
वो नहीं जो मेरी बात टाल दे।।
और अगर उसके दिल में कोई इतना सा भी है।
तो वो मुझे दिल से पूरी तरह निकाल दे।।
मरते दम तक याद रखोगे कि,
किसी से तुमने दिन लगाया था।
एक होने की उम्मीद नहीं थी,
फिर भी तुम्हें पागलों की तरह चाहा था।।
दिल लगाना तो दूर की बात है,
अब तो किसी को हम मुंह तक नहीं लगाते।
जो इज्जत देगा उसे इज्जत मिलेगी,
हम हैसियत देखकर सिर नहीं झुकाते।।
कि तोड़ेंगे गुरूर हम इश्क़ का,
और इस कदर सुधर जाएंगे।
रास्ते में खड़ी रहेगी मुहब्बत,
हम सामने से गुजर जाएंगे।।
ये जो चन्द लोग बस्ती में सबसे अच्छे हैं।
इन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।।
मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद है साहब।
वक़्त बेवक़्त मेरा ही नाम लिया करते हैं।।
मेरी गली से गुजरते है छुपा के खंजर।
रूबरू होने पर सलाम किया करते हैं।।
TOP ATTITUDE SHAYARI IN HINDI
जिनसे दिल नहीं मिलता, हम तो
उनसे हाथ भी नहीं मिलाते।
तुम आइसक्रीम खिलाने की बात करते हो,
ऐसे लोगों को हम चाय तक नहीं पिलाते।।
हर किसी पर मेरा दिल आ जाए,
हमारी फीलिंग्स इतनी बेकार नहीं।।
हमें सिंगल रहना मंजूर है,
मगर यार बदलने वाला यार नहीं।।
मेरी नफ़रत सच्ची तेरी मोहब्बत तो फर्जी है।
और क्यों नहीं जलेंगे ये लोग मुझसे!
उस मिट्टी से उठकर आया हूं,
जिस मिट्टी से इन सबको एलर्जी है।
कलम से लिख नहीं सकते उदास दिल के अफसाने।
हम तो तुम्हें दिल से याद करते हैं,
बाकी तुम्हारे दिल की खुदा ही जानें।।
शीशे जैसे किरदार है जनाब,
शियाशत जैसी दिखावट नहीं मिलेगी।
हमारी जुबान में कड़वाहट मिल सकती है,
हमारे ज़मीर में मिलावट नहीं मिलेगी।
तूं हमारी बराबरी करे इतना तेरे में दम नहीं।
हमारे चेहरे की खुशी छीन ले ऐसा कोई ग़म नहीं।।
और हमें तूं पैसे से जज करता है!
बेटा! पैसा आती जाती चीज है, हम नहीं।।
अक्सर वही दिये हाथ जला देते हैं;
जिन्हें हम हवा से बचा रहे होते हैं।
हर रास्ते मंजिल तक नहीं जाते;
कभी कभी रास्तों पे भटकना पड़ता है।
और अमीर घर में पैदा नहीं हुआ हूं;
मिडिल क्लास का लड़का हूं!
अपनी तकदीर बदलने के लिए,
हर रोज दुनिया से लड़ना पड़ता है।।
नफ़रत नहीं है तुमसे,
पर अब मोहब्बत भी नहीं होगी।
चाहे लाख कसमें खा लो बेवफा,
पर तुम किसी एक की नहीं होओगी।।
जो दे चुके थे अंधेरे हमें बहुत पहले,
वो एक जख्म सदा रोशनी में लाया गया।
यकीन मानिए इतने बुरे नहीं थे हम,
हमारे बारे में जितना गलत बताया गया।।
तुम दूसरों के भरोसे हो,
मेरी खुद की शुरुआत है।
मैं तुम्हें अच्छा नहीं लगा,
यही तो मेरे लिए अच्छी बात है।।
रास्ता सोच समझकर चुनना,
हर दिशा में दरिंदें बहुत है।
और अपनी उड़ान का जरा ख्याल रखना,
आजकल आसमान में परिंदे बहुत है।।
अब कोई आए कोई जाए फर्क नहीं पड़ता।
अब तो खुद को गुनहगार खुद को सबूत कर लिया;
साला पत्थर भी टकराने में कई बार सोचेगा।
अब खुद को इतना मजबूत कर लिया है।।
तोड़ दिया तो तोड़ दिया।
रिश्तों को बचाने की कोशिश हर रोज नहीं करते।
हमारे पास बहुत कुछ है करने को;
हम ज्यादा अफसोस नहीं करते।।
अजी, तालमेल क्या डगमगाया मेरी ज़िन्दगी का!
खुद को बांसुरी, तो हमें बाजा समझने लगे।
हमने अपना ताज मरम्मत के लिए क्या भेजा,
कुछ भिखारी अपने आपको राजा समझने लगे।।
मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नजर आएंगी,
अजी! मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नजर आएंगी?
तुम्हें देखकर तो मैं मुस्कुराने लगता हूं।
बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो,
हां! बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो!
मगर इतना ख्याल रखना;
हम बदल गए तो करवटें बदलते रह जाओगे।।
जिस महफ़िल ने ठुकराया हमको!
क्यों उस महफ़िल को याद करें।
आगे लम्हें बुला रहे हैं, अब उनके साथ चलें।।
क्या कहा! अपनी इरादों से पीछे हट जाएंगे!
तेरा धोखा इतना दुखदायक तो नहीं है।
गलती हमारी थी जो तुझ पर यकींन किया।
दिल में क्या, तूं जेब में भी रखने लायक नहीं है।।
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से निकाल लिया है।
वक्त के हिसाब से खुद को ढाल लिया है।।
अब कोई साजिशों से भी तोड़ें तो नहीं टूटेंगे।
संभलते संभलते खुद को इतना संभाल लिया है।।
कबूतरों के बस की बात नहीं,
आसमां नापने के लिए दमदार परिंदा रखा गया है।
अजी दुनियादारी हमें कबकी मार चुकी है,
कोई तो मकसद है जो अभी जिंदा रखा गया है।।
लोगों को तो बात बनाने का बहाना चाहिए जनाब,
जो इशारों पर ना नाचे उसे बिगड़ा नाम दे रखा है।
मैं अपने मां बाप की नजरों में सही हूं बहुत है।
इन दुनिया वालों का ठेका थोड़ी ले रक्खा है।।
मोहब्बत में फिजूल के खर्चे कर नहीं पाऊंगा,
तेरे जाने के बाद टूट कर बिखर नहीं पाऊंगा।
मेरे कंधे पर मेरे परिवार की जिम्मेदारी भी है,
माफ करना तेरे इश्क में मैं मर नहीं पाऊंगा।।
जो जैसा दिखता है वैसा उसी को मान लेता हूं,
छने आटे को फिर एक बार छान लेता हूं।
और बहुत से तजुर्बे कराए तुमने मुझको दोस्तों,
मुनाफिक को तो अब मैं दूर से पहचान लेता हूं।।
BEST ATTITUDE SHAYARI IN HINDI
चर्चाएं खास हो तो किस्से भी जरूर होते है,
उंगलियां तो उन्हीं पर ही उठती है
जो जमाने में बहुत मशहूर होते हैं।
है जितनी बुरी लत उनसे नाता तोड़ दूं तो फिर,
भलाई की तरफ मैं अपने रूख को मोड़ लूं तो फिर,
तेरे कहने से आज जैसे सिगरेट छोड़ दी मैंने,
किसी के कहने से ऐसे तुझे भी छोड़ दूं तो फिर।।
आएंगे लोग अपने सभी काम छोड़कर,
रख देंगे फिर कफन पर अपनी आंखें निचोड़कर।
जिन्दों का हाल जो कभी पूछते तक नहीं,
मैयत को देंगे कांधा वही दौड़ दौड़ कर।।
Attitude shayari 🔥 Copy Instagram
यह दुनिया अब दिल लगाने के काबिल नहीं,
खुशियां मेरी जिंदगी में भले शामिल नहीं।
तुझसे बिछड़कर मैं खुदकुशी कर लूं,
आशिक हूं चल हट तूं तेरे जैसे मेरे काबिल नहीं।।
तेरी खूबसूरती पर सब ध्यान देने लग गए,
हर कोई तेरी खातिर जान देने लग गए।
एक दफा तुने अपने होठों से क्या चुम लिया,
नीम के पेड़ भी फिर आम देने लग गए।।
दिल के अरमां दिल में ही दफना दिए जाते हैं,
सारी कसमें सारे वादे भुला दिए जाते हैं।
मोहब्बत हासिल करनी है तो दगाबाज बन,
सच्चे आशिक तो मेरे दोस्त ठुकरा दिए जाते हैं।।
कुछ जख्म दिखाने के काबिल ना थे,
कुछ राज बताने के काबिल ना थे।
हम उन लोगों से दिल लगाए बैठे थे,
जो मुंह भी लगाने के काबिल ना थे।।
अकड़ दिखाने वालों को तो हमें,
उनकी औकात दिखाने में देर नहीं लगती,
वही लोग उठाते हैं हम पर अंगुलियां,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
तू तो नया - नया है, मैं खिलाड़ी पुराना हूं बेटा,
जिन लोगों के दम पर तूं उछालता है ना ,
वो तो सब मेरे पुराने चेला हैं बेटा।
श+ राब का सहारा कर लेंगे,
इश्क भी दोबारा कर लेंगे।
तुझसे पहले भी तो जिंदा थे,
तेरे बाद भी गुजारा कर लेंगे।।
जिसे चांद समझा वो तारा निकला,
एक मसीहा जो कातिल हमारा निकला।
और मेरे पास जिसे पहन घमंड में आए हो,
क्या करोगे अगर वो भी मेरा उतारा निकला।
अब वो हमसे चुराकर नजर निकल आते हैं,
हर एक दीवार से फिर दर निकल आते हैं।
तेरा लहजा बता रहा है शहर जाने के बाद,
गांव की चिड़ियाओं के भी पर निकल आते हैं।।
मुझसे तो नफरत है मोहब्बत उसके साथ कर लेना,
अब बाद में पछतावा ऐसे ना हालत कर लेना ,
मैं जानता हूं तेरी पसंद का खिलौना मैं हूं,
नंबर वही रखूंगा जब कहीं फंसना तो याद कर लेना।
किसी को इतना अच्छा मुकद्दर नहीं मिलता,
नदियों से जाकर कभी समंदर नहीं मिलता,
मुझे छोड़ना है छोड़ दे पर इतना सुनती जा,
हर लड़की को हम जैसा हमदर्द नहीं मिलता।।
बेटे! ये आंखें किसी और को दिखाना,
अगर दम है तो परास्त कर या फिर
चूड़ियां पहन और यह तमाशा बर्दाश्त कर।
यह जो मेरी मौत का इंतजाम किया है,
तूने तो मेरा रास्ता आसान किया है।
मेरा दिल तो हमेशा से खिलौना था,
तूने खेलकर कौन सा बड़ा काम किया है।।
सिर्फ तेरी बातों पर था एतबार मुझे,
बाकी सारी दुनिया लगती थी बेकार मुझे।
ये लड़की तेरी जिंदगी को बर्बाद कर देगी,
ठीक ही कहा करते थे ऐसा मेरे यार मुझे।
क्या बहुत खूब किया मेरे दुश्मनों ने,
अनजान बन कर चतुराई शुरू कर दी,
कोशिश की पर मुझ सा ना बन सके,
फिर पीठ पीछे मेरी बुराई शुरू कर दी।
हमने जिन चौपालों को दरबार समझ रक्खा था,
जो दिखावा था उसे भी प्यार समझ रक्खा था।
मुझको तो हर उस शख्स ने परेशान किया है,
मैंने जिस जिस को मददगार समझ रक्खा था।।
मुझको किस्मत है जो जमीं पर ले आयी,
पर रहने वाला तो आसमान का हूं।
आज भले जुगनू सा बन गया लेकिन,
पर मैं सूरज के खानदान का हूं।।
हैरत किस बात की गम किस बात का,
जलने वालों को जलने दो;
क्या जाता है अपने बाप का।
सौ बार तमन्नाओं में फरियाद हुए हैं,
पर फिर भी काट कैद से आजाद हुए हैं।
हमको भी कभी प्यार से दीवाना कहा कर,
हम भी तो तेरे इश्क में बर्बाद हुए हैं।।
कोई सुनवाई हो ना पाएगी,
बस बेसबब शोर कर रहे हैं वो;
जिनको ठुकराने वाली है उनकी किस्मत,
मुझको इग्नोर कर रहे हैं वो।।
सुनहरे दौर के ख्वाबों की ताबिरें नहीं भेची,
है जिनमें रंग मेहनत के वो तस्वीरें नहीं भेची,
गुजारा कर लिया हमने अपना लहू भेचकर,
पर हमने बाप दादाओं की जागीरें नहीं भेची।।
जो गंवारा नहीं है उसको भी गंवारा करना,
यानी खुद अपनी ही खुशियों से किनारा ररना।
और मेरी नजरों में तो है मौत से भी बदतर,
दिल से उतरे हुए लोगों में गुजारा करना।।
हम भी नवाब हैं, लोगों की अकड़,
धुएं की तरह उड़ाकर औकात,
सिगरेट की तरह छोटी कर देते हैं।
भूल जब हो ही गयी हमसे तो फिर,
जो भी बनता था वो fine दे दिया।
और Tax था ज्यादा income से इसलिए,
इश्क को हमने फिर रिजाइन दे दिया।।
माना कि तुम्हें बस भौंकना आता है,
लेकिन अगर औकात के बाहर भौंका:
तो याद रखियो, मुझे ठोकना भी आता है।
मेरी पसंद का हर एक काम करते हैं,
कसम खुदा की बड़ा ऐतराम करते हैं।
और नजर पड़ी है मेरी आस्तीन पर जबसे,
मुझे सपेरे भी झुककर सलाम करते हैं।।
मतलब के हैं यार दिलों के काले हैं,
मौका मिलते ही सब डसने वाले हैं।
और किसमें कितना जहर है, है हमें मालूम,
सबसे ज्यादा सांप हमीं ने पाले हैं।
दिल के अरमानों को जलाकर राख कर देगी,
तेरी जिंदगी को भी एक दिन खाक कर देगी।
ये रात भर जाग जाग कर जिससे बातें करता है,
एक दिन यह नागिन तुझे बर्बाद कर देगी।।
इसीलिए तो किसी को बताने वाला नहीं,
कि तेरा मेरा ताल्लुक जमाने वाला नहीं।
पलटके आ ही गए हो तो इतना ध्यान रहे,
तुम्हारा दोस्त हूं लेकिन पुराने वाला नहीं।।
अपनी औकत पर उतर आए,
यार भी घात पर उतर आए।
पहले मेरा हुनर खंगाला और, फिर
कमीने मेरी जात पर उतर आए।
चले जाने दो उसे किसी और की बाहों में,
जो इतनी मोहब्बत के बाद भी मेरा ना हुआ
तो वो किसी और का क्या खाक् होगा।
जिसे चाहा काश वो हमारा होता,
ख्वाहिशों का भी कोई सहारा होता।
यह सोचकर हमने उसे नहीं रोका की,
दूर ही क्यों जाता अगर वो हमारा होता।।
किनारों पर मोती मिला नहीं करते,
दर्द में कभी हम गिला नहीं करते।
अच्छे न सही हम बुरे ही सही, पर हम
जैसे बुरे भी हर किसी को मिला नहीं करते।।
हमसे पूछो कि मुहब्बत में खसारा क्या है,
जान लेकर भी कोई पूछे कि हारा क्या है।
एक उम्र कटी जिनकी वफादारी में, वो कहते हैं
तुम तो पागल हो तुम्हारा क्या है ..!
