Heart touching 2 line shayari
इतने हिस्से में बंट गया, मेरे हिस्से कुछ बचा नहीं।
ज़िन्दगी से बड़ी सजा नहीं जुर्म है क्या पता नहीं।।
मुझे नहीं आता उड़ती पतंगों सी चालाकियां।
गले मिलकर गले काटूं, ऐसा मांझा नहीं हूं मैं।।
शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे।
यही सोचकर मैं उम्रभर पत्थर बना रहा।।
हवा से कह दो कि खुद को आजमाके दिखाए।
बहुत चराग बुझाती है, कोई एक जलाके दिखाए।।
अंधेरे चारों तरफ सांय-सांय करने लगे।
चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे।।
सलिका हमने सिखाया था जिनको चलने का।
वही लोग आज हमें दांए बांए करने लगे।।
उम्र ने तलाशी ली तो कुछ लम्हें बरामद हुए।
कुछ टूटे हुए तो कुछ गम के थे।।
लेकिन बस वही सही सलामत निकले;
जो मेरे बचपन के थे।
एक परिंदे का दर्द भरा अफसाना था।
टूटा हुआ था पंख, फिर भी उड़ते हुए जाना था।।
अरे तूफान तो झेल गया मगर हुआ यह अफसोस।
डाली ही टूट गयी जिसपर उसका आशियाना था।।
हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके उधेड़ देती है।।
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।
ग़र आपका रवैया बदला ,
हमारे रास्ते बदल जाएंगे।
तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी ,
मुस्कुराने के हुनर में हम इतने माहिर हैं ..!!
कमियां हैं तो रहने दो
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें.
झूठ से भरे सब अखबार मिल गए।
मेरे मर्ज को हकीम बेकार मिल गए।।
मैं निकला था थोड़ी सी मदद मांगने।
मदद न मिली मशवरे हजार मिल गए।।
जिसे नाचना नहीं आता उसे भी नचा देती है।
यह जिंदगी है साहब हंसते हुए को भी रूला देती है।।
लोग इंतजार करते रह गए कि हमें टूटा हुआ देखें।
और हम थे कि सहते-सहते पत्थर के हो गए।।
बिखेरकर खुद को हवा में उड़ा देता।
एक सूखा हुआ फूल हवा को क्या देता।।
अपनों के दिए घाव चुभते हैं कितने;
दर्द अगर बोलता तो तुम्हें बता देता।।