Heart touching shayari 2 line

मारे इस पोस्ट में दिल को छू जाने वाली शायरी में आपका स्वागत है। इस कलम के माध्यम से, हम एक यात्रा पर निकलते हैं जो दिल के कोने-कोने तक पहुंचती है। यहाँ, शब्दों का जादू है, जो आपको छू जाते हैं, आपके अंदर के भावनाओं को जगाते हैं, और आपके साथ सहयोग करते हैं। 

इस संग्रह में हर कविता एक नई कहानी का प्रस्तुतिकरण करती है, हर शेर एक नया अनुभव लाता है, और हर शब्द आपके दिल को स्पर्श करता है। इस यात्रा में हम साथ चलें, और दिल की गहराइयों को छूने के लिए अपने शब्दों की जादूगरी को अनुभव करें।"

Heart touching 2 line shayari

इतने हिस्से में बंट गया, मेरे हिस्से कुछ बचा नहीं।
ज़िन्दगी से बड़ी सजा नहीं जुर्म है क्या पता नहीं।।

मुझे नहीं आता उड़ती पतंगों सी चालाकियां।
गले मिलकर गले काटूं, ऐसा मांझा नहीं हूं मैं।।

शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे।
यही सोचकर मैं उम्रभर पत्थर बना रहा।।

हवा से कह दो कि खुद को आजमाके दिखाए।
बहुत चराग बुझाती है, कोई एक जलाके दिखाए।।

2 line shayari

अंधेरे चारों तरफ सांय-सांय करने लगे।
चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे।।
सलिका हमने सिखाया था जिनको चलने का।
वही लोग आज हमें दांए बांए करने लगे।।

Heart touching shayari

उम्र ने तलाशी ली तो कुछ लम्हें बरामद हुए।
कुछ टूटे हुए तो कुछ गम के थे।।
लेकिन बस वही सही सलामत निकले;
जो मेरे बचपन के थे।

एक परिंदे का दर्द भरा अफसाना था।
टूटा हुआ था पंख, फिर भी उड़ते हुए जाना था।।
अरे तूफान तो झेल गया मगर हुआ यह अफसोस।
डाली ही टूट गयी जिसपर उसका आशियाना था।।

Emotional shayari

हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है।
ज़मीं से पेड़ों तक के टाँके उधेड़ देती है।। 
मैं चुप कराता हूँ हर उमड़ती बारिश को।
मगर ये रोज़ नई बात छेड़ देती है।।

ग़र आपका रवैया बदला ,
हमारे रास्ते बदल जाएंगे।

2 line shayari

तुम पढ़ नहीं पाओगे उदासियां मेरी ,
मुस्कुराने के हुनर में हम इतने माहिर हैं ..!!

shayari 2 line

कमियां हैं तो रहने दो
ख़ुद को खुदा नहीं बनाना हमें.

झूठ से भरे सब अखबार मिल गए।
मेरे मर्ज को हकीम बेकार मिल गए।।
मैं निकला था थोड़ी सी मदद मांगने।
मदद न मिली मशवरे हजार मिल गए।।

जिसे नाचना नहीं आता उसे भी नचा देती है।
यह जिंदगी है साहब हंसते हुए को भी रूला देती है।।

2 line shayari

लोग इंतजार करते रह गए कि हमें टूटा हुआ देखें।
और हम थे कि सहते-सहते पत्थर के हो गए।।

बिखेरकर खुद को हवा में उड़ा देता।
एक सूखा हुआ फूल हवा को‌ क्या देता।।

अपनों के दिए घाव चुभते हैं कितने;
दर्द अगर बोलता तो तुम्हें बता देता।।

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