Emotional heart touching lines on love
वही फिर मुझे याद आने लगे हैं।
जिन्हें भूलने में शायद ज़माने लगे हैं।।
हिम्मती प्रेमिकाएं पत्नियां बन जाती है,
बाक़ी सभी कविताएं बन जाती है।
दिल तेरे लिए सदा ही बेकरार ही रहेगा,
तुम आओ या ना आओ इन्तजार रहेगा।
प्रेम में पड़ी स्त्री को,
तुम्हारे साथ सोने से ज्यादा अच्छा लगता है
तुम्हारे साथ जागना.!
मैं उस बर्बादी के बारे में सोचकर परेशान हो जाती हूँ जो तब होती है, जब एक दूसरे से प्यार करने वाले लोग आपस में बात तक नहीं कर पाते हैं।
तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता,
एक तारे से अपना आकाश।
तू मुझसे दूर कैसी है, मैं तुझसे दूर कैसा हूं।
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।।
"प्रेम हिसाब-किताब नहीं है।
ये तो भाड़े पर भी मिल सकते हैं,
पर प्रेम करने वाले नहीं।"
सच है तुम्हारे बिना जीवन अपंग है।
लेकिन! क्यों लगता है मुझे
प्रेम अकेले होने का ही एक ढंग है!
लाख समझाया कि शक करती है दुनिया,
तू पास से गुज़र जाया कर, पर मुस्कुराया ना कर।
तुम अगर नहीं आयीं, तो गीत ना गा पाऊँगा।
साँस साथ छोडेगी, तो सुर कैसे सजा पाऊँगा।।
प्रेम; जिस पर सारी चीजें टिकी हैं
कितना कम होता जा रहा है.!
मैं, सब कुछ बर्दाश्त कर लेता हूँ, मैं प्रेम हूँ।
परखना मत,
परखने में कोई अपना नहीं रहता।
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा।
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए।।
गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैंने।
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैंने।।
मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सबको नहीं आता।
किसी को छोड़ना हो तो मुलाक़ातें बड़ी करना।।
किसी भी शर्त पर मंजूर उसकी कुर्बत थी।
जो दोस्ती है अभी कल वही हमारी मोहब्बत थी।।
रंग इस मौसम में भरना चाहिए।
सोचती हूँ प्यार करना चाहिए।।
रात आँखों में ढली पलकों पे जुगनू आए।
हम हवाओं की तरह जाके उसे छू आए।।
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें।
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।।
ऐसे हँस हँस के न देखा करो सबको जानिब,
लोग ऐसी ही अदाओं पे फ़िदा होते हैं।
प्यार दो बार थोड़ी होता है।
हो तो फ़िर प्यार थोड़ी होता है।।
काँच की चूड़ी ले कर मैं जब तक लौटा,
उसके हाथ में तो सोने का कंगन पड़ गया था।
आंसू जानते हैं कौन अपना है,
तभी तो अपनों के सामने टपक जाते हैं।
मुस्कराहट का क्या, वह तो
गैरों से भी वफ़ा कर लेती है!
दिल था टूट गया, जज़्बात थे मर गए।
सपना था बिखर गया,
जो कभी अपने थे, वो भी बदल गये।।
जिस्म के शौकीन हैं आज के दौर के लोग,
अब सादगी पर कौन मरता है।
सब वक्त गुजार रहे हैं अपने अपने हिसाब से,
आजकल असली मोहब्बत कौन करता है।।
खिलौनों की तरह दिल के टुकड़े उछाल दिए जाते,
हमारे सब नम्बर ब्लाक लिस्ट में डाल दिए जाते।
इतनी ज्यादा भीड़ थी उसके दिल में दोस्त,
हम खुद नहीं निकलते तो निकाल दिए जाते।।
पराए आंसुओं से आंख को नम कर रहा हूं मैं।
भरोसा आजकल खुदपर भी कुछ कम कर रहा हूं मैं।।
बड़ी मुश्किल से जागी थी जमाने की निगाहों में।
उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूं मैं।।