Sad shayari😭 life 2 line
छोड़ दिया हमने उन लोगों से बात करना।
जो हमारे होकर भी, हम उनके लिए कुछ नहीं हैं।।
मेरे इश्क का स्वाद तुमने चखा ही नहीं,
थोड़ा कड़वा ही तो था, मगर बेवफा नहीं।
चलो न साथ चलते हैं समन्दर के किनारों तक,
किनारे पर ही देखेंगे किनारा कौन करता है।
मोहब्बत ने आज हमको रुला दिया,
जिस पर मरते रहे, उसी ने भुला दिया।
हम तो उनकी याद में आँसुओं को पीते गये,
एक दिन तो उसने आँसुओं में जहर मिला दिया।।
ना वो सपने देखो जो टूट जाये,
ना ही वो हाथ पकड़ो जो छुट जाये।
मत आने दो किसी को करीब इतना कि,
उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
मैं इश्क में जीत के आने के लिए काफी हूं,
मैं अकेला ही जमाने के लिए काफी हूं।
मेरी हर हकीकत को ख्वाब समझने वालों,
मैं अकेला ही तुम्हारी नींद उड़ाने के लिए काफी हूं।।
खुश्बू तेरी मुझे महका जाती हैं,
तेरी हर बात मुझे क्यों बहका जाती हैं।
साँस को बहुत देर लगती हैं आने में, पर
हर सांस से पहले तेरी ही याद आ जाती हैं।
मेरी यादों में तुम हो, या मुझमें ही तुम हो;
मेरे ख्यालों मे तुम हो, या मेरा ख्याल ही तुम हो।।
दिल मेरा धड़क के पूछे, बार-बार एक ही बात;
मेरी जान में तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो।।
इश्क़ है या इबादत, कुछ भी समझ नहीं आता;
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम, जो
दिल से नहीं जाता।
कभी शाम ढले जब हम मिलें, ना दिन ढले ना रात हो।
ये आरज़ू दिन रात हो ये जिन्दगी तेरे साथ हो।।
कुछ लम्हें और तुम्हारा साथ चाहते हैं।
आँखों में थमीं वो बरसात चाहते हैं।।
जानते हैं तुम भी चाहते हो, तुम भी मगर;
पर तुम्हारी जुबां से एक बार इज़हार चाहते हैं।।
दिल में राज छुपा है दिखाऊ कैसे,
हो गया है प्यार आपसे बताऊं कैसे।
दुनिया कहती हैं मत लिखो नाम, पर
दिल पर जो नाम है, उसे मिटाऊ कैसे।
इस हकीकत को जिन्दगी में राज़ रहने दो,
अगर है कोई एतराज तो एतराज रहने
दो।
पर जब दिल करे हमें याद तो कर लिया करो,
मगर उसे ये मत कहना कि
आज रहने दो।।
हुआ कुछ यूँ कि हम खुद से दूर हो गये।
नाम जुबां पे आया भी नहीं तेरा;
मगर तेरे नाम से तो हम मसहूर हो गये।।
तरस रहे हैं बहुत मुद्दतों से हम,
अपनी मोहब्बत का तो इज़हार लिख दो।
दीवाने हो जाये जिसे पढ़ के हम भी,
कुछ ऐसा तो तुम भी एक बार लिख दो।
झुकाकर सर तेरे सज़दे में सुनो इज़हार करते हैं।
छुपाकर इश्क़ ये सबसे निग़ाहें चार करते हैं ।।
कभी बिंदी कभी चूड़ी, कभी पायल बनो मेरी।
सजा दो हाथ मेंहदी से, चलो श्रंगार करते हैं।।
मिलकर के फिजाओं से कुछ रंग चुराने हैं।
तस्वीर करे बातें, अरमाँ तो वो जगाने हैं।।
धड़कन सी धड़कती है चाहत ये मेरे दिल में।
अल्फ़ाज़ सिमट जाएं, ऐसे वो गीत बनाने हैं।।
उसके नन्हें कदम पड़े जब, देवी सा फिर लगा कोई।
बेटियाँ कष्ट सारे हर लेती हैं, जैसे लगती हैं ये दवा कोई।।
फूल राहों में गर बिछे ना होते,
दर्द के फिर सिलसिले ना होते।
ज़िन्दगी मौज में ही गुज़र जाती,
ग़र हम कभी मिले ना होते।।
sad shayari😭 life 2 line
अजनवी आज फिर मिल गया कोई।
क्यों लगा मुझको कि वो है सगा कोई।।
उसकी तहरीर भी कुछ रूमानी थी।
शायरी फिर से मुझ पर कर गया कोई।।
आज लिखते हैं वसीयत में मुहब्बत मेरी,
जो कल मेरे कंधे से बंदूक चलाने आये।।
काश आँखों में समुंदर भी दिखाई देते उन्हें।
क्यों फिर से वो सोये हुये तूफ़ानों को जगाने आये।।
गुजरें न दिन किसी के अज़ीयत से दोस्तों।
रखना सभी को दूर अदावत से दोस्तों।।
मिलता हूँ सबसे मैं जो शराफ़त से इसलिए।
रहता हूँ सबके दिल में मुहब्बत से दोस्तों।।
क्यों ये लहरें किनारों से टकरा रही हैं,
दिल में तूफ़ान है तो बता दीजिये।।
जिक्र आये न आये ये परवाह नहीं।
आप महफ़िल से तो रिश्ता निभा लीजिये।।
मेरी ये सब्र तेरे ख़्यालों से होकर जाती है।
सुबह तलक ही न सोई तो फिर जगाती है क्यों।।
कहीं कहीं पे दिखा अक्सर जो तेरा चेहरा।
धुआं धुआं हुई यादों को दुबारा से जलाती है क्यों।।
नज़र नज़र में कभी प्यार तो दिखा होगा।
ज़माने भर में ज़ुदा सबसे वो लगा होगा।।
यूँ ही नहीं वो दुआओं में माँगता तुमको।
कभी किसी न किसी जन्म में तो मिला होगा।।
पास बैठो ज़रा तुम घड़ी दो घड़ी,
मेरी नज़रों में तो ठहरो घड़ी दो घड़ी।।
प्रेम का सार तो तुमको ही लिखती रही।
ग़र मन से पढ़ो तो तुम घड़ी दो घड़ी।।
ना मैं प्रेम की मूरत, ना नफ़रत मुझसे है हारी।
रखूँगी मान जो सबका तभी सबकी हुई प्यारी।।
हवा हूँ, धूप हूँ पानी कभी बिजली के जैसी हूँ।
लडूंगी खुद अकेले ही, क्योंकि हूं मैं आज की नारी ।।
दर्द अपना समेटे रहें उम्र भर।
जी रहे हैं तुम्हारी हँसी के लिए।।
ग़र जरूरत पड़ेगी तो बेझिझक याद करना।
जान हाजिर रहेगी तुम्हारी खुशी के लिए।
खिड़कियाँ क्यों खोलकर सोते हो रातों में।
हौसला बढ़ जायेगा इससे लुटेरों का।।
किसी से बात करने का जब अलग अंदाज़ होता है।
उतर जाता है दिल में जो,
वही तो ख़ास होता है।।
वो कौन है जो मुझको पल पल बुला रहा है,
ख़्वाबों में मेरे आकर हसीन सपने सजा रहा है।
सपनों में उसके आना जाना नहीं है मुझको,
कोई अनजान मुझसे कैसा रिश्ता निभा रहा है।।
मुस्कराहट बुरे वक्त की श्रेष्ठ प्रतिक्रिया है,
और ख़ामोशी ग़लत प्रश्न
का बेहतरीन जवाब।