Love shayari in Hindi | Hear broken love shayari
सारी की सारी मोहब्बत मैंने उस खत में भर दी,
फिर भी मगर मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ ना पाया।
इतना दर्द लिखा मैंने उस कागज के एक टुकड़े में,
कबूतर रो दिया मगर लेकर उड़ ना पाया।।
फिर भी मगर मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ ना पाया।
इतना दर्द लिखा मैंने उस कागज के एक टुकड़े में,
कबूतर रो दिया मगर लेकर उड़ ना पाया।।
सबके हो गए मगर खुद के ना हो पाए।
हम अपनी जिंदगी के गमों को अश्कों से ना धो पाए।।
हम पेड़ लगा दिए मोहब्बत का सबको छांव देने के लिए।
अपने दिल की बंजर जमीं पर एक पौधा ना बो पाए।।
कहते हैं पागल का कोई भरोसा नहीं।
पर कोई यह नहीं सोचता कि;
भरोसे ने उसे पागल कर दिया।।
फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सराहाने की;
निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की।
तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की।।
तुम हसो तो खुशी मुझे होती है।
तुम रूठो तो आँखें मेरी रोती हैं।।
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है।
महसूस करके देखा मोहब्बत ऐसी होती है।।
तुम रूठो तो आँखें मेरी रोती हैं।।
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है।
महसूस करके देखा मोहब्बत ऐसी होती है।।
ऐ ख़त के पढ़ने वाले, ज़रा दिल लगाके पढ़ना।
आंसू न निकल आये, इसलिए ज़रा मुस्कुरा के पढ़ना।।
बाद मरने के मेरे तुम जो कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना।
यह भी लिखना के मेरे होंठ हंसी को तरसे,
उमर भर आंख से बहता रहा पानी लिखना।।
शब्दों में क्या तारीफ करूं आपकी,
आप शब्दों में कहाँ बंध पायेंगे।
हमारी आँखों में झांक कर तो देखो,
हज़ारों अल्फ़ाज़ खुद-ब-खुद बिखर जायेंगे।।
सारी उम्र आँखों मे एक सपना याद रहा।
सादिया बीत गयी वो लम्हा याद रहा।।
जाने क्या वो बात है आपमें।
सारी महफ़िल भूल कर बस वो पल याद रहा।।
मौसम को मौसम की बहारों ने लुटा।
हमें कश्ती ने नहीं किनारों ने लुटा।।
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से।
आपका कसम देकर हमे तो हज़ारों ने लुटा।।
दर्द क्या होता है बताएंगे किसी रोज़।
इस दिल की ग़ज़ल सुनाएंगे किसी रोज़।।
उड़ने दो परिंदो को इन आज़ाद फिज़ाओं में।
अगर हमारे हुए तो लौट आएंगे किसी रोज़।।
याद में तेरी आँख भरता है कोई।
हर सांस के साथ याद करता है कोई।।
मौत तो ऐसी चीज़ है जिसे आना ही है।
लेकिन तेरी जुदाई में रोज़ मरता है कोई।।
जब से तेरे संग ये दुरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पूरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी
जिन्दगी का हर लम्हा खूबसूरत बन सकता था।
मुश्किलें हट सकती थीं रास्ता बन सकता था।।
आज बेशक छूट जाये मेरी दुनियाँ मेरे हाथों से।
तुम अगर साथ देते तो कारवां बन सकता था।।
जब से मेरी तेरे संग ये दूरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पुरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी।।
मेरे प्यार को कोई समझ ना पाया।
रोती थी जब तन्हा कोई पास ना आया।।
मिटा दिया खुद को उसके प्यार में।
और लोग कहते है मुझे प्यार करना ना आया।।
मेरे ख्वाबों में डूबी रहती है हर रात मेरी।
तेरे ख्यालों से होती है हर सुबह की शुरुआत मेरी।।
इस कदर बस गये हो मेरी रग रग में तुम कि;
मेरे हर लफ्ज़ में होती है बस बात तेरी।।
हमने किताब बहुत सी पढ़ी है,
पर याद कुछ नहीं रहता।
वक़्त पर जरुरत की कुछ बातें,
कहने को याद नहीं रहता।।
खुद से ही पूछती हूं कितना अनजान हैं हम भी,
वो पुराना सफर अब याद नहीं रहता।।
कितना भी चाहो ना भुला पाओगे।
हमसे जीतना भी दूर जाओं नजदीक पाओगे।।
हमें मिटा सकते हो तो मिटा दो।
यादें मेरी क्या सपनों से जुदा कर पाओगे।।
ना तुम पूछोगे, ना हाल हम अपना बतायेंगे।
तुम्हारे दर्द से उबरने के लिये, ज़हर भी पी जाएंगे।।
मुझे एतबार है अपनी मोहब्बत पर;
तुम मांगोगी बेशक किसी को अपने जीवन में,
पर अपने मुकद्दर मे हमें ही लिखा पाओगे।।
याद में तेरी आँख भरता है कोई।
हर सांस के साथ याद करता है कोई।।
मौत तो ऐसी चीज़ है जिसे आना ही है।
लेकिन तेरी जुदाई में रोज़ मरता है कोई।।
जब से तेरे संग ये दुरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पूरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी
जिन्दगी का हर लम्हा खूबसूरत बन सकता था।
मुश्किलें हट सकती थीं रास्ता बन सकता था।।
आज बेशक छूट जाये मेरी दुनियाँ मेरे हाथों से।
तुम अगर साथ देते तो कारवां बन सकता था।।
जब से मेरी तेरे संग ये दूरी हो गयी।
जिन्दगी जीना जैसे ये मज़बूरी हो गयी।।
आज पुरी हो गयी हर ख्वाहिश मेरी।
मगर तेरे बिना जिन्दगी अधूरी हो गयी।।
मेरे प्यार को कोई समझ ना पाया।
रोती थी जब तन्हा कोई पास ना आया।।
मिटा दिया खुद को उसके प्यार में।
और लोग कहते है मुझे प्यार करना ना आया।।
मेरे ख्वाबों में डूबी रहती है हर रात मेरी।
तेरे ख्यालों से होती है हर सुबह की शुरुआत मेरी।।
इस कदर बस गये हो मेरी रग रग में तुम कि;
मेरे हर लफ्ज़ में होती है बस बात तेरी।।
हमने किताब बहुत सी पढ़ी है,
पर याद कुछ नहीं रहता।
वक़्त पर जरुरत की कुछ बातें,
कहने को याद नहीं रहता।।
खुद से ही पूछती हूं कितना अनजान हैं हम भी,
वो पुराना सफर अब याद नहीं रहता।।
कितना भी चाहो ना भुला पाओगे।
हमसे जीतना भी दूर जाओं नजदीक पाओगे।।
हमें मिटा सकते हो तो मिटा दो।
यादें मेरी क्या सपनों से जुदा कर पाओगे।।
ना तुम पूछोगे, ना हाल हम अपना बतायेंगे।
तुम्हारे दर्द से उबरने के लिये, ज़हर भी पी जाएंगे।।
मुझे एतबार है अपनी मोहब्बत पर;
तुम मांगोगी बेशक किसी को अपने जीवन में,
पर अपने मुकद्दर मे हमें ही लिखा पाओगे।।
कभी मोहब्बत हो जाये तो इज़हार मत करना।
उस प्यार के लिये अपनी नींदे खराब मत करना।।
कुछ दिन तो आयेंगे तुमसे मिलने वे;
फिर कहेंगे अब मेरा इंतेज़ार मत करना।।
ना वो कभी आ सके ना हम कभी जा सके।
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके।।
बस बैठे हैं उसकी यादों मे खोये हुए।
ना उन्होंने याद किया ना हम भुला सके।।
दर्द ऐ दिल पाओगे वफा करके,
हमने देखा है तजुर्बा करके।।
जिन्दगी तो कभी नहीं आयी,
पर मौत जरूर आयी ज़रा ज़रा करके।।
दीवानगी में कुछ ऐसा कर जायेंगे।
मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेंगे।।
वादा है तुमसे दिल बन कर तुम धड़कोगे;
और सांस बन कर हम आयेंगे।।
सपना कभी साकार नहीं होता।
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता।।
सब कुछ हो जाता है इस दुनियां में।
मगर दोबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता।।
एक अजीब दास्तां है मेरे अफसाने की।
मैंने पल पल कोशिश की उसके पास जाने की।।
किस्मत थी मेरी या साजिश थी जमाने की।
दूर हुए इतना जितनी उम्मीद थी पास आने की।।
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में।
बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में।।
कभी ये दिल तोड़कर मत जाना।
हमने तो उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में।।
आदत नहीं है मुझे किसी का इंतेज़ार करने की।
पर तेरा इंतेज़ार करना अच्छा लगता है।।
बहुत खास हो मेरी जिंदगी में तुम।
तुमसे बात करना बहुत अच्छा लगता है।।
उस नजर की तरफ मत देखो।
जो तुम्हें देखने से इंकार करती है।।
इस दुनिया की महफिल में उस नजर को देखो।
जो नज़रें तुम्हारा इंतजार करती हैं।
जो नहीं होता है उसका ही ज़िकर होता है।
हर इक सफ़र में मेरे साथ घर होता है।।
मैं इक फ़कीर से मिलकर ये बात जान गया।
दवा से ज़्यादा दुआओं में असर होता है।।
दुनिया में फकत हम नहीं बर्बाद हुऐ हैं,
यहां कितने ही मुहब्बत में नाकाम हैं यारों।
इस दिल को तसल्ली ना हिमायत की है उम्मीद,
उसे तोड़ कर जाने दो ये उसका काम है यारों ।।
बस उसके ही जलवों से तो रोशन नहीं है रात,
हम भी तो दिल जलाते सरेआम हैं यारों।
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