Sad Shayari 2 Line Heart Touching
उसने पूछा भी था पर मैनें कहा कुछ भी नहीं,
दिल से उतरे हुए लोगों से शिकायत कैसी।
रात के अंधेरे में खुद को छुपा लेते हैं;
दर्द-ओ-गम को आँसुओ में बहा देते हैं।
दिन के उजालों में कोई देख ना ले
मेरी उदासी;
इसलिए होठों पर कुछ मुस्कुराहट सज़ा लेते हैं।।
अकेलापन कहता है महबूब बनाया जाए,
जिम्मेदारियां कहती हैं वक्त बर्बाद होगा।
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया।
लगता है मुझे अक्सर जो ख़ास मेरा,
समझा नही उसने कोई एहसास मेरा।
सोच में अपनी रखा जिसको सदा ऊपर,
तोड़ा है उसने जीतकर विश्वास मेरा..।।
रोज़ रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक ना हुए।
अजीब हैं कुछ ख्वा़ब भी, बुझकर भी राख ना हुए।।
ना जाने कैसा फसाना सुना गयी मुझको,
हवा जरा सी चली तो रुला गयी मुझको।
उसी के ख्वाबों में दिन रात खोए रहते हैं,
वो एक निगाह जो पागल बना गयी मुझको।।
किस्मत वाले को ही मिलती हैं पनाह मेरे दिल में..
यूँ ही हर सख्स.. इसका हक़दार नहीं होता।
मैं जो तड़प के तुमसे फरियाद कर रहा हूँ;
खामोशियों पर मेरी फिर इल्जाम ना लगाना।
रूठी जो जिंदगी ग़र मुझसे अगर वो जालिम;
फिर साथ अपने नाम के मेरा नाम ना लगाना।।
फिकी चुनरी देह की, फीका हर बन्धेज;
जिसने रंगा रूह को, वो सच्चा रंगरेज।
इश्क़ के अब तो अफसाने कहाँ रहे,
यादों में जो बसे थे वो दीवाने कहाँ रहे।
होते थे जो फिदा एक दूसरे की चाहत में,
मोहब्बत के अब वो जमाने कहाँ रहे।।
रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।
जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर।।
रोने की सज़ा है ना रूलाने की सज़ा है,
ये दर्द तो मोहब्बत को निभाने की सज़ा है।
हँसते है तो निकल आते है आँखों से आँसू,
ये तो उस शख़्स से दिल लगाने की सज़ा है।।
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिन्दा है।
कि सब कुछ हार गया फिर भी कैसे जिंदा है।।
ना पूछों मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
कर ले तु सितम तेरी हसरत जहाँ तक है।
तुझसे वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी;
हमें तो देखना है तू बेवफा कहां तक है।।
ताश, जुआ और दो अंगुली का कुआं;
इंसान को बर्बाद कर देता है।
हमारी गलतियों से कहीं टूट ना जाना;
हमारी शरारत से कभी रूठ ना जाना।
तुम्हारी चाहत ही जिन्दगी है हमारी;
इस प्यार के बंधन को कहीं भूल ना जाना।।
कुछ रहे ना रहे, तेरी मोहब्बत का सहारा रहे;
प्यार में डूबा ये दिल हमारा रहे।
खुशियाँ तेरी, सारे गम मेरे हों दुआ यही है;
इन आँखों में सदा चेहरा तुम्हारा रहे।।
Heart Touching Sad Shayari
अरमान था तेरे साथ जिन्दगी बिताने का;
शिकवा है खुद से खामोश रह जाने का।
दीवानगी इससे बढ़ कर और क्या होगी;
आज भी तो इंतेज़ार है तेरे आने का।।
बेकरारी में भी अब करार नज़र आता है;
नफरत में भी हमें अब प्यार नज़र आता है।
ये तो बस एक बहाना है हमसे बात करने का;
अब तो उनके गुस्से में भी इकरार नज़र आता है।।
रात की खामोशी रास नहीं आती;
मेरी परछाई भी अब मेरे पास नहीं
आती।
कुछ आती भी है तो बस तेरी याद;
आकर भी एक पल मुझसे दूर नहीं जाती।।
किस्मत वाले को ही मिलती हैं पनाह मेरे दिल में..
यूँ ही हर सख्स.. इसका हक़दार नहीं होता।
फिकी चुनरी देह की, फीका हर बन्धेज;
जिसने रंगा रूह को, वो सच्चा रंगरेज।
कभी गम तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आकर उसकी जुदाई मार गयी।
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उसकी ही बेवफाई मार गयी।।
इश्क़ ने तो हमें बदनाम कर दिया;
हर खुशी से हमें अंज़ान कर दिया।
हमने तो नहीं चाहा की हमें मोहब्बत हो;
लेकिन आपकी नज़र ने हमें नीलाम कर दिया।।
माना कि कभी दिल की बात ना बताओगे;
पर आँखों में जो है वो कैसे छुपाओगे।
वादा तो रहा ये हमारा भी तुमसे;
जब भी दिल में झाकोगे हमारी तस्वीर पाओगे।
दिल चाहता है आज फिर एक पैग़ाम दे दुं;
मरते दम तक तुझे चाहने की जुबां दे दुं।
ना कोई हसरत रखूं, ना रखू कोई आरज़ू;
बस तेरी खामोशी को वफा का नाम दे दुं।।
उसके चेहरे पर इस कदर नूर था;
कि उसकी यादों में तो रोना भी मंज़ूर था।
बेवफ़ा भी तो नहीं कह सकते उसको जालिम;
प्यार तो हमने किया, वो तो बेकसूर था।।
इश्क़ के गुल बस इंतेज़ार में नहीं खिलते;
मंज़िल पे खड़े लोग मजधार में नहीं मिलते।
रूह तक में बस जाये वो खुश्बु जिन फूलोॅ की;
अब वो फूल इस दिखावे के बाजार में नहीं मिलते।
प्यार तो वो है जो जज़्बात को समझे;
मोहब्बत तो वो है जो एहसास को समझे।
मिलते है जहाँ में बहुत अपना कहने वाले; पर
अपना तो वो है जो बिना कहे हर बात को समझे।।
आरज़ू चाहिये किसी को याद करने की;
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।
खैर मनाओ पिंजरे मे बंद पंछीयों की;
याद तो वो आते हैं जो मौका पाकर उड़ जाते है।।
ऐ चाँद मत पूछ मै किसकी फरियाद करता हूँ,
मत पूछ मै किसके दिल की बात करता हूँ।
वो मुझे याद ना करे तो क्या हुआ,
मैं तो उसे अभी भी दिल से याद करता हूँ।।
दिल को सबके लिए पत्थर बना के रखी है,
तेरी यादों को भी जेवर बना के
रखी है।
और जिसे समझ रहे लड़की वो जादूगरनी है साहब,
हम जैसे
कितनों को कबूतर बना के रखी है।।
कभी खुदपे तो कभी हालात पर रोना आया,
बात निकली तो हर एकबात पर रोना
आया।
हम तो समझे थे कि वो भूल गये हमको,
पर फिर आज उन्हें किस बात
पर रोना आया।।
मत करो मोहब्बत अब किसी से,
अब तो जिस्म के भी बाजार हैं।
हम
भी उस बेवफा से दिल लगा बैठे,
जिसके पहले से खुद आशिक हजार हैं।।