Love shayari, लव शायरी इन हिन्दी, मोहब्बत पर खूबसूरत शेर
Mohabbat shayari
मिज़ाज़ गजब का था,
बेहद लाजवाब थे हम।
मेरा यार ही अनपढ़ निकला;
खिलाड़ी हम भी है बेहतर जनाब,
बस दिल से खेलने का हुनर नहीं आता।
नफरत नाराज़गी से शिकायत नहीं,
बस मोहब्बत में हमें मिलावट नहीं भाता।।
वक़्त भर देता है जख्मों को ये माना यारो,
वक़्त से तेज़ मगर प्यार असर करता है।
हमसफ़र साथ जहां जख्म का मरहम लेकर,
जख्म ऐसे में कहाँ देर बसर करता है।।
कुछ लोग किस्मत की तरह होते है,
जो केवल दुआ से मिलते है।
और कुछ लोग दुआ की तरह होते हैं,
जो किस्मत बदल देते हैं।।
इश्क़ भी था .. यकिन भी था,
उसे पाने की हसरत भी थी।
बस ये भूल बैठी थी,
कि उसके मेरे चाहत के दरमियान;
एक चीज़ किस्मत भी था।।
मुझसे दूर जा रहे जो एक मशवरा मेरा याद रखना।
कभी भी मेरा ख्याल आये तो अपना ख्याल रखना।।
आंसू अपने ही हाथ से पोछ लेना दोस्तों !
ग़र दूसरा पोछेगा तो उसकी कीमत भी वसूलेगा।।
लिख बैठे तकदीर तुम्हें अब और ग़ज़ल फिर क्या देखें,
तुम बसने लगी निगाहों में तस्वीर कोई हम क्या देखें।
साँसों में नाम तुम्हारा है धड़कन की तरफ हम क्या देखें,
बेचैन न कर इतना हमको बिन तेरे जिंदगी क्या देखें।।
Love shayari
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी,
तूने देखा और जिन्दगी मुस्कुराने लगी।
ये इम्तेहान थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी।।
इश्क़ वही है जो एकतरफ हो,
इज़हारे इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है।
है अगर इश्क़ तो आँखों में देखो,
जुबां खोलने पे ये नुमाईश बन जाती है।।
आज फिर यादों ने दस्तक दी,
और जेहन में उसका चेहरा छा गया।
कुछ बीते लम्हे छू गए फिर से,
और जुबां पे उसका नाम आ गया।।
आपकी याद ही मेरी जान है,
शायद इस हक़ीक़त से आप अनजान हैं।
मुझे खुद नहीं पता की मैं कौन हूँ,
आपका प्यार ही मेरी पहचान है।।
हर रात को तुम इतना याद आते हो,
हम भूल गए है कि ये रातें ख्वाबो के लिए होती है;
या तुम्हारी यादों के लिए !
इस बहते दर्द को मत रोक,
ये तो सजा है किसी के इंतज़ार की।
लोग इसे आंसू कहें या दीवानगी,
पर ये तो निशानी है किसी के प्यार की।
आज फिर दिल की आरज़ू है,
एक हँसीन गुनाह करने की।
तेरी नज़रों से नज़रे मिला कर,
मोहब्बत बेपनाह करने की।।
तन्हाई में मुस्कुराना भी इश्क़ है,
इस बात को छुपाना भी इश्क़ है।
यूँ तो रातों को नींद नहीं आती हमें,
पर रातों में सोकर जाग जाना भी इश्क़ है।
प्यार करे तो हमेशा मुस्कुरा कर,
किसी को धोखा न दे अपना बना कर।
कर लो याद जब तक हम जिन्दा हैं,
फिर ना कहना चले गए दिल में यादें बसा कर।।
चाहता है तुमसे इश्क़ भरी बातें हों,
चाँद तारे हों लम्बी रातें हों।
एहसास हो और तुम्हारा साथ हो,
यही सिलसिला तमाम रात तुम्हारे साथ हो।।
मेरी हर अदा का आइना तुझसे है,
मेरी हर एक मंज़िल का रास्ता तुझसे है।
कभी दूर ना होना मेरी जिंदगी से,
मेरी हर ख़ुशी का वास्ता तुझसे है।।
तुम्हें देखते ही ये दिल बेकरार होने लगता है,
तेरी चाहत पर मुझे इक़रार होने लगता है।।
ना चाहो हमें इतना चाहतो से डर लगता है।
ना आओ इतने करीब जुदाई से डर लगता है।
तुम्हारी वफाओं पर तो भरोसा है हमें।
मगर अपने नसीब से डर लगता है।।
Love story shayari
इस दुनियाँ में कोई भी अपना नहीं होता,
लाख निभाओ रिश्ता कोई अपना नहीं होता।
गलतफहमी रहती है थोड़े दिन,
फिर इन आँखों में आंसुओ के सिवा कुछ नहीं रहता।।
मोहब्बत भरी नज़रो में ख्वाब मिलेंगे,
कहीं कांटे तो कहीं गुलाब मिलेंगे।
मेरे दिल की किताब पढ़के तो देखो।
कही आपकी याद तो कहीं खुद आप मिलेंगे।।
मैं तुम्हे कभी पूरा लिखू कभी अधूरा लिखूं,
मैं रातो में बैठकर तुम्हें सवेरा लिखूं।
मैं जब भी लिखूं बस इतना लिखूं ,
मुझे तेरा और तुझे मेरा लिखू।।
लाजवाब है मेरी जिंदगी का फ़साना,
कोई सीखे मुझसे हर पल मुस्कुराना।
पर कोई मेरी हसीं को नज़र मत लगाना,
बहुत दर्द सहकर सीखा है मुस्कुराना।
हर दिन अपनी जिंदगी को एक नया ख्वाब तो दो,
चाहे पूरा ना हो पर एक आवाज़ तो दो।
एक दिन पुरे हो जायेंगे सब ख्वाब तुम्हारे,
सिर्फ कोशिश करके एक शुरुआत तो दो।।
महक उठते है अलफ़ाज़ तुम्हें ख्वाबो में सोच कर।
दिल के एहसास में डूबी एक प्यारी सी नज़्म हो तुम।।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है।
खामोशियो की आदत सी अब हो गयी है।।
ना सिकवा रहा ना शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,जो
इन तन्हाइयों से हो गयी है।।
ना सुबह की ख्वाहिश ना शाम की चाहत है,
बस तुम जिस पहर मिलो;
हमे तो बस उस पहर से मोहब्बत है।
नहीं है ख्वाहिश की इस जहाँ या उस जहाँ में पनाह मिले,
बस इतना करम कर ऐ खुदा कोई ऐसा;
मिलें जिससे प्यार बेपनाह मिले।।
दिल का एहसास जानना हो तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर तो देखो।
चोट उन्हें लगेगी दर्द तुम्हें होगा,
जरा अपना दिल एक बार लगा के तो देखो।।
करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी इतना ही रहो कि आने का इंतज़ार रहे।
रखो उम्मीद रिश्तो के दरमियान इतनी कि,
टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरकरार रहें।
महफूज़ है मोहब्बत तुम्हारी मेरा अल्फाज़ो में,
नहीं हर रोज़ तुम्हें लफ्ज़ों में उतारा करते हैं।।
लहरों की रवानी हूँ मैं, तू मेरा किनारा बन जा।
एक अनकही सी कहानी हूँ मैं, तू मेरा इशारा बन जा।।
कुछ पल की ये जिंदगी कहीं ऐसे न बीत जाए।
अब और ना चल सकेंगे तू मेरा सहारा बन जा।।
हमारे जीने का अंदाज़ अलग है।
एक आँख में आँसू तो दूसरे में ख्वाब है।
टूटे हुए ख्वाबों पे आंसू बहा लेते हैं,
और दूसरी आँख में फिर से ख्वाब सजा लेते है।।
इश्क़ में बढ़ रही है बेचैनियां,
थोड़ी सी शरारत करने दो।
छुपा के रख लो अपने दिल में,
या फिर मोहब्बत बेसुमार करने दो।।
तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चले इंतज़ार क्या होता है।
मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे,
तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता है।।
मैंने कब कहा कि मुझे गुलाब दे,
या फिर मुझे मोहब्बत से नवाज़ दे।
पर आज बहुत उदास है दिल मेरा,
गैर बनकर ही सही मुझे आवाज़ दे।।
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर ख़ुशी से हमे अंजान कर दिया।
हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आपकी एक नज़र ने हमें गुलाम कर दिया।।
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत अगर,
इन अल्फाज़ो को खूबसूरती कौन देता।
बस पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल,
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान ना देता।।
रूह वही रहती है, बस ठिकाना बदल जाता है।
इश्क़ कहाँ बदलता है, बस ये जमाना बदल जाता है।।
आँचल में सजा लेना कलियाँ,
जुल्फों में सितारे भर लेना।
ऐसे में कभी जब शाम ढले,
तुम याद हमें भी कर लेना।।
सच कहूँ तो जब तक आपसे बात नहीं होती,
मेरे दिन की शुरुआत नहीं होती।
जिंदगी में कभी हमसे खफा मत होना,
आपके बिना इस चेहरे पर मुस्कराहट नहीं होती।।
ख़फ़ा भी करते हैं वफ़ा भी करते हैं।
अपने प्यार को वो नज़रों से बयां भी करते हैं।
ना जाने कैसी नाराज़गी है उनकी हमसे,
हमे खोना भी चाहते है और पाने की दुआ भी करते हैं।।
दिल्लगी थी या दिललगी कहाँ समझ पाए तुम।
होठो की मुस्कराहट तो देखी,
मगर आँखों की नमी कहाँ पढ़ पाए तुम।।
कुछ भी न किया उसने पर दर्द बेहिसाब दे दिया।
देखो न मुझ अनपढ़ को;
मोहब्बत की किताब दे दिया।।
मैं दिखूं न दिखूं बस मुझे एहसासों में महसूस कर लेना,
मैं लिखू ना लिखूं बस मुझे शब्दों में ही पढ़ लेना।
नज़दींक हुं तेरे दिल के इतनी,
अपनी धड़कनों में मेरी धड़कन सुन लेना।।
दिल तेरी हसरतो से ख़फ़ा कैसे हो।
तुझको भूल जाने की खता कैसे हो।।
रूह बनकर समां गए हो मुझमें तुम।
रूह फिर जिस्म से जुदा कैसे हो।।
सच कहो तो उन्हें ख्वाब लगता है,
और सिकवा करो तो उन्हें मज़ाक लगता है।
हम कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते है,
और एक वो है जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।।
बिन तेरे जीने में क्या रखा है,
अब खोने को कुछ बाकि नहीं रखा है।
जिन्दा हूँ सिर्फ तुझे पाने के लिए,
वरना जहर पीने में क्या रखा है।।
जब खामोश आँखों से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शरुवात होती है।
तुम्हारे ही खयालों में खोयी रहती हूँ,
पता नहीं कब दिन कब रात होती है।।
मन करता है तुझे नज़रों में बसा लूँ।
औरो की नज़रों से तुझे बचा लूँ।।
चुरा ना ले तुझे मुझसे कोई,
आ तुझे अपनी धड़कनों में छुपा लूँ।
बस यही फर्क है हम दोनों में,
वो हमें फुर्सत में याद करते हैं।
और हमें उनकी यादों से फुर्सत नहीं।
गुजरे हुए का इल्म था न आने वाले का ख्याल था,
नादानियों में जो गुजर गया वो वक़्त ही कमाल था।
फिर चाँद खिला फिर रात थमी,
फिर दिल ने कहा तेरी कमी है।
फिर यादों के झोखे महक गए,
फिर पागल अरमां बहक गए।
फिर जन्नत सी लगे ये जमीं,
फिर दिल ने कहाँ तेरी कमी है।।
सच्चे इश्क़ की कुछ फितरत ही ऐसी होती है,
शरीफों को मिलती नहीं और,
कमीनों से संभलती नहीं।।
मिले जो आप कुछ ख़ास मिला हमें,
तनहा जिंदगी में एक खूबसूरत साथ मिला हमें।
जिस प्यार की होती है इस जिंदगी में सबको चाहत,
बस वही प्यार का एहसास मिला हमें।।
करो वादा दोस्ती आप भी निभाओगे,
बिन पुकारे ही चले आओगे।
दिल में महसूस करना हमें भी,
तुम अपने आस पास हमें ही कहीं पाओगे।।
मोहब्बत की इन्तेहाँ न पूछिये,
इस प्यार की वजह ना पूछिये।
हर सांस में समाये रहते हो,
कहाँ बसे हो तुम जगह ना पूछिए।।
वो जिंदगी ही क्या जिसमें मोहब्बत नहीं,
वो मोहब्बत ही क्या जिसमे यादें नहीं।
वो यादें ही क्या जिसमें तुम नहीं,
वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नहीं।
तुम नहीं पास हो मगर तन्हा रात वही है।
वही है चाहत, यादों की बारात वही है।
हर ख़ुशी भी दूर है मेरे आशियाने से,
खामोश लम्हो में दर्दे हालात वही है।।
तेरी चाहत में हम जमाना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गए।
तुमसे मोहब्बत है सारे जहान को बताया,
बस एक तुझे ही बताना भूल गए।।
जिंदगी को तन्हा विरानो में रहने दो,
ये वफ़ा की बातें ख्यालो में रहने दो।
हकीकत में आज़माने से टूट जाते है दिल अक्सर,
ये इश्क़ मोहब्बत की बातें किताबों में रहने दो।।
आँखों की गहराई को हम समझ नहीं सकते,
होठो से हम कुछ कह नहीं सकते।
कैसे बयां करें हम आपको ये दिल-ऐ-हाल,
कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते।।
अश्क महफूज़ रूमालों में कर दिया,
मैंने तन्हा को बंद तालो में कर दिया।
मैंने सबूत कोई भी छोड़ा नहीं उल्फत,
और निशां जख्म का छालों में कर दिया।।
दिल एक ही है तो कई बार क्यों लगाया जाए,
एक इश्क़ ही काफी है, सही से निभाया जाये।।
इंतज़ार रहता है तुम्हारा,
कभी सबर से तो कभी बेसब्री से।
किरायेदार नहीं है हम,
हिस्सेदार है तुम्हारी मोहब्बत के।।
हिम्मत इतनी तो नहीं मुझमे,
कि तुझे दुनियाँ से छीन लूँ।
लेकिन मेरे दिल से कोई तुझे निकाले,
इतना हक़ तो मैंने खुद को भी नहीं दिया।।
चाहे दूरियां भले हों बस इतना समझ लीजिये,
सिर्फ पास रहने से कोई ख़ास नहीं होता।
इस कदर हो पास इस दिल के तुम,
कि मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता।।
तेरे ख्वाबों का भी है शौक, तेरी यादो में भी है मज़ा।
अब सोकर तेरा दीदार करूं या जागकर तुम्हें याद करुँ।।
मन करता है तुम्हें नज़रों में बसा लूँ।
औरो की नज़रों से तुझे बचा लूँ।।
चुरा न ले कोई मुझसे तुझको।
आ तुझे अपनी धड़कनों में छुपा लूँ।।
तजुर्बा मोहब्बत का भी है जरुरी है जिंदगी के लिए।
वरना दर्द में भी मुस्कुराने का हुनर कहाँ से आएगा।।
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता हूँ,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता हूँ।
सुना है मुझे बहुत चाहती है वो मगर,
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता हूँ।।
इंतज़ार का मतलब उससे पूछिए साहेब,
जिसको पता हो कि मिलना नसीबो में नहीं है;
फिर भी इश्क़ किये बैठे है।
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा।
ना जाने क्या बात थी उनमें और हममें,
सारी महफ़िल भूलके बस वो चेहरा याद रहा।।
दिल लगा के किसी और से वो वक़्त बिताते थे हमसे,
एक रोज़ हमने अपने हिस्से का वक़्त मांग लिया;
वो सारा वक़्त ही समेट कर चले गये।
अब आंसुओ को आँखों में सजाना होगा,
चिराग बुझ गये अब हमें खुद को जलाना होगा।
ना समझना कि तुमसे बिछड़ के खुश हैं हम।
हमें अब लोगों के खातिर मुस्कुराना होगा।।
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