Love shayari in Hindi | Romantic and Unique Top Love Shayari
Love shayari in Hindi
ना चाहेंगे अब किसी को,
दिल मोहब्बत से भर चुका है।
तेरे जाने के बाद सांसे तो चलती है,
तो हम भी धीरे से कहेंगे, मुलाकात को तरस गए।
ना किसी का पैसा, ना किसी की जान चाहिए..
जो मुझे समझ सके, बस ऐसा एक इंसान चाहिए !
वो शमा की महफ़िल ही क्या,
जिसमे दिल खाक ना हो।
मज़ा तो तब है चाहत का,
जब दिल तो जले, पर राख ना हो।।
तू जहां भी रहे खुश रहे बस,, मेरा क्या है !!
मैं कल भी अकेला था और आज भी अकेला हूं।
ऐ हवा उनके घर के रास्ते से,
तू ज़रा थम के गुज़रा कर।
वो थोड़े नाराज़ हैं हमसे,
उनके इत्र की ख़ुशबू ही
हम तक पहुंचा जाया कर।।
यूँ नहीं जलाए तेरे नाम का दिया,
मुझे आवारगी भी निभानी पड़ी।
तेरी दीवानगी में पागल होने के लिए।।
चटकने लगी है हसरते दिल की,
दिल का रूठना अभी बाकी है।
अभी तू और जोर लगा ऐ जिंदगी,
मेरा टूटना अभी बाकि है।
चटकने लगी है हसरतें दिल की,
दिल का रूठना अभी बाकी है।
अभी तू और जोर लगा ऐ जिंदगी,
मेरा टूटना अभी बाकि है।।
हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता,
जगह तो दिल में बनाई जाती है।
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती,
जितनी दुर होकर निभायी जाती है।।
तुझे मोहब्बत करने का हिसाब न आया,
मुझे किसी सवाल का जवाब ना आया।
हम तो जागते रहे तेरे ही ख्यालो में,
तुझे जागकर भी हमारा ख्याल ना आया।।
और अब तो हद हो गयी,
मोहब्बत उनसे बेहद हो गयी।
और हमने उन्हें पाने के लिए रब के
दरबार में अर्ज़ियाँ भी लगाई थी,
मगर मसला ये है कि वो सारी की सारी रद्द हो गयी।।
वो जिंदगी ही क्या जिसमें मोहब्बत नहीं,
वो मोहब्बत ही क्या जिसमे यादें नहीं।
वो यादें ही क्या जिसमें तुम नहीं,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नहीं।।
वो करते है हमें नज़र अंदाज़,
तो बुरा मत मान ऐ दिल ...
टूटकर चाहने वालो को सताना
रिवाज़ है मोहब्बत का।।
किसी को आँखों की पलकों पर न बैठने दो,
वह तो सिर्फ सपने बसाया करते हैं।
बैठाना है तो बैठाओ दिल में उसको,
क्योंकि यहाँ सिर्फ अपने ही बैठा करते है।।
एक उम्र गुस्ताखियों के लिए भी होनी चाहिए,
ये कम्बख्त जिंदगी तो अदब
और लिहाज़ में ही गुज़र गयी।
वो भी क्या जिद थी,
जो तेरे मेरे बीच एक हद थी।
मुलाकात मुकम्मल न सही मोहब्बत बेहद थी।
मिला है सब कुछ तो फ़रियाद क्या करें,
दिल हो परेशान तो ज़ज़्बात क्या करें।
तुम सोचते होंगे की आज याद नहीं किया,
कभी भूले ही नहीं तो याद क्या करें।।
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते,
मगर रस्में वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते।
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों की चीख तो सुन लो,
जो लहरों में तो डूबे पर साथ बह नहीं सकते।।
इश्क़ तो बस मुकद्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो मंज़िल है जिसमें सब कामयाब नहीं।
जिन्हें साथ मिला उन्हें नयी ज़िन्दगी मिली,
जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं।।
जुदा होकर भी तुम जुदा ना हो पाये,
तब भी दिल में थे अब भी हो दिल में समाये।
जुदाई ने तुम्हारी हमें बेहाल कर दिया,
अचानक चले गए तुमने कमाल कर दिया।
कर दिया मेरी चाहत ने उसे लापरवाह इस कदर,
मैंने याद नहीं दिलाया तो मेरा ख्याल भी नहीं आया।।
चलो ले लो मेरी इश्क़ की बारिश,
भिंगोगे तो निखर जाओगे।
हम बदल नहीं सकते हालात की तरह,
साथ रहोगे तो समझ जाओगे।।
उनकी फितरत है वो दर्द देने की रस्म अदा कर रहे हैं।
हम भी उसूलो के पक्के हैं,
दर्द सह कर भी वफ़ा कर रहे हैं।।
जो दिल पे ना गुजरे वो शाम कोई दे दे,
जो सब कुछ भुला दे वो जाम कोई दे दे।
तड़पते हैं हम रोज़ यादों में उनके,
काश उन्हें आज पैगाम कोई दे दे।।
दीवानगी में कुछ ऐसा कर जायेंगे,
मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेंगे।।
वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़को,
और सांसे बनकर हम आएंगे।।
यूँ बात बात पर ना आजमाया करो चाहत को मेरी,
कभी हमने परख लिया तो मोहब्बत, मोहब्बत न रहेगी।।
हुए है सजदे मुकम्मल सब मेरे आकर तेरी पनाहो में,
अब तेरी मर्ज़ी तू कर शमिल मुझको,
वाओ में या गुनाहों में।।
होंठो पे वही ख्वाहिश ताने हैं,
आँखों पे हसीं अफ़साने हैं।
तू अब भी एक मदहोश ग़ज़ल हो,
हम आज भी तेरे वैसे ही दीवाने हैं।।
छुप कर क्यों आज़माते हो दिल को मेरे,
सीधे दिल को ही पढ़ लो ना।
मेरी सांसो में बस तुम ही तुम हो,
ये बात अब तो समझ लो ना।।
मौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है।
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है।।
मेरी एक तमन्ना थी जो अब हसरत बन गयी,
कभी तुमसे दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गयी।
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम जिंदगी में की,
तुम्हें सोचते रहना मेरी आदत सी बन गयी।।
क्यों दस्तक देते रहते हो मेरे दिल की दहलीज़ पर,
कम्बख्त ये तो यूँ ही तुम्हारे नाम से धड़कता है।
ये आईना क्या दे सकेगा तुम्हें तुम्हारी सख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखों से पूछो, कितने लाजवाब हो तुम।।
उसके इंतज़ार के मारे हैं हम,
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम।
दुनिया जीत के करना क्या है अब,
साथ जिसके दुनियाँ से जितना था,
आज उसी से हारे हैं हम।।
चूम लेते हैं अक्सर उस आईने को,
जिसमें तेरा अक्स नज़र आता है।
बोलना तो चाहते हैं दिल की बातें,
मगर बोले तो थोड़ा दिल घबराता है।।
मुझे तो ना कोई आसमान चाहिए,
मुझे तो ना कोई जहान चाहिए।
तूं तो सितारों की एक महफ़िल है,
बस उस पूरी महफ़िल में बस एक तू चाहिए।
जिस दिन तुम्हारी आँखों का दीदार हो जाता है,
वो दिन कोई सा भी हो पर मेरे लिए त्यौहार हो जाता है।
हमने कब तुमसे मुलाकात का वादा मांगा,
हमने तो तुमसे दूर रहकर भी तुम्हें हद से ज्यादा चाहा।
सावन में हम बारिश बनकर बरस जायेंगे,
पतझड़ में पत्ते गिरकर बिखर जायेंगे।
क्या हुआ जो हम आपको परेशान करते हैं,
इन लम्हों के लिए आप भी कभी तरस जायेंगे।।
इश्क़ का तेरे यकीन बन जाऊं,
दर्द में तेरे सुकून बन जाऊं।
तुम रखो कदम जिस जगह भी खुदा करें,
मैं वो जमीन बन जाऊं।।
तुम्हारी यादों को रोक पाना मुश्किल है,
रोते हुए दिल को मना पाना मुश्किल है।
ये दिल आपको कितना याद करता है,
ये किसी को बता पाना कितना मुश्किल है।।
पास आकर सभी दूर चले जाते है,
अकेले थे हम अकेले ही रह जाते है।
इस दिल का दर्द दिखाएं किसे,
मलहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं।।
कोई वादा नहीं किया फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बाबजूद हमें तुमसे प्यार है।
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही मुझसे,
बिछड़ के तू भी बेकरार है।
एहसास बहुत होगा जब हम छोड़ के जायेंगे,
रोयेंगे हम मगर आँसू नहीं आयेंगे।
जब कोई साथ न दे तो आवाज़ देना,
हम आसमान पर भी होंगे तो लौट आएंगे।।
हकीकत मोहब्बत की जुदाई होती है,
कभी कभी प्यार में बेवफाई होती है।
हमारी तरफ हाथ बढ़ा कर तो देख,
दोस्ती में कितनी सच्चाई होती है।।
आपकी परछाई हमारे दिल में है,
आपकी यादें हमारी आँखों में है।
आपको हम भुलाये भी कैसे,
आपकी मोहब्बत हमारी साँसों में है।।
तेरी आरज़ू में हमने बहारों को देखा,
तेरे ख्यालों में हमने सितारों को देखा।
पसंद था बस आपका साथ, वरना
इन आँखों ने तो हज़ारों को देखा।।
धड़कते दिलों का करार हो तुम,
सजी हुई महफ़िल की बहार हो तुम।
तरसती हुई निगाहों का इंतज़ार हो तुम,
मेरी जिंदगी का पहला और आखिरी प्यार हो तुम।।
सरहद नहीं है हम
जो सिर्फ लकीरों में मिलेंगे ...
हम तो खुशबू ऐ वफ़ा हैं ....
तेरे दिल की तस्वीर में मिलेंगे ...।
दोस्त भी तु और प्यार भी तु,
एक भी तु और हज़ार भी तु।
गुस्सा भी तु और माफ़ी भी तु,
जिंदगी के सफर में मेरे लिए काफी है तु।।
नज़र और नसीब का भी क्या इत्तेफाक है यारों...
नज़रे उसी को पसंद करती है,
जो नसीब में नहीं होता।
अगर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने में हर बात होती,
तो बस हम होते वो होता और सारी रात बरसात होती।
तुम्हारी चाहत में हम ज़माना भूल गए,
किसी और को हम अपनाना भूल गए।
तुमसे मोहब्बत है सारे जहां को बताया,
बस एक तुमको ही बताना भूल गये।
बेपनाह मोहब्बत की थी अब सजा पाए बैठे हैं .....
हासिल ना हुआ कुछ भी और सब कुछ लुटाये बैठे है।
दिन, ये रात, ये लम्हें मुझे अच्छे लगते हैं,
तुम्हें सोचूं तो ये सारे सिलसिले मुझे अच्छे लगते हैं।
बहुत दूर तक चलना मगर फिर भी वहीं रहना,
मुझे तुमसे, तुम तक के सारे दायरे अच्छे लगते हैं।।
होठों पे प्यार के फ़साने नहीं आते,
साहिल पे समंदर के मोती नहीं आते।
ले लो अभी जिंदगी में दोस्ती का मज़ा,
फिर लौट के हम जैसे दीवाने नहीं आते।।
वो रास्ता ही क्या जिसकी कोई मंज़िल न हो,
वो सागर ही क्या जिसका कोई साहिल ना हो।
वैसे तो लाखों मिलेंगे तुझे मेरे जैसे,
पर वो दिल ही क्या जो तेरे काबिल ना हो।।
खड़े खड़े साहिल पे हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनियाँ आपके नाम कर दी।
ये भी ना सोचा कैसे गुजरेगी जिंदगी,
बिना सोचे समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।।
मसरूफ़ियत से खुद को अकेला निकालकर,
आओ कभी तो वक़्त ज़रा सा निकालकर।
क्या थी कमी हमारी मुहब्बत में बेवफ़ा,
हमने तो रख दिया था कलेजा निकालकर।।
ठहराव तुम्हारा ही है,
हमारे दिल के आशियाने में।
तेरे सिवा और कौन रह सकता है इस गरीब खाने में।।
तुझे क्या पता कि तेरी यादों ने,
मुझे किस तरह से सता दिया।
कभी अकेले मे हँसा दिया,
कभी महफ़िल में रुला दिया।।
बहुत मुश्किलों से कदम ये बड़े हैं,
सितमगर निगाहें गढ़ाये खड़े हैं।
मुहब्बत की राहों में चलना सम्लकर,
कि दिल की दीवारों में शीशे जड़े हैं।।
गुजर रहे जो पल मेरे, सहेजता वो कौन है।सुगन्ध के प्रेम की बिखर गया वो कौन है।।
छुपा के सबसे जो रखा, गुलाब वो किताब में।
महक रहा है तन बदन, हवा बता वो कौन है ।।कहते हैं कि मोहब्बत बर्बाद करती हैं।
अगर निभाने वाला सच्चा आशिक मिल जाए,
तो दुनिया याद करती है।।
छोड़ दो ये बहाने, जो तुम करते हो।
छोड़ दो ये बहाने, जो तुम करते हो।
हमें भी अच्छे से मालूम है,
मजबूरियां तभी आती हैं जब दिल भर गया हो।।
बहुत ही अच्छे निशानेबाज हो तुम,
ठीक निशाने पर तुमने तीर मारा है।
दुनिया से हर बाजी जीतने वाले,
आज सिर्फ तुमसे अपना दिल हारा है।।करते है लोग झूठी मोहब्बत करते है झूठे वादे,
खाते है जिंदगी भर रहने की कसमें।
और वही लोग अगले पल,
तोड़ देते है सारे कसमें और वादे।।फिक्रों ने रंग चहरे का मेरे उड़ा दिया,
घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया।
हमने उनसे कहा जलाने को एक चिराग,
उसने इसी बहाने मेरा घर जला दिया।।
हमें पता है तुम कहीं और के मुसाफिर हो !
हमारा शहर तो बस यूंही रास्ते में आया था !!
दिल अमीर था मगर मुकद्दर गरीब था,
मिलकर बिछड़ना तो हमारा नसीब था।
हम चाह कर भी कुछ कर न सके,
घर जलता रहा और समंदर करीब था।।ना कोई बता पाया है,
ना ही कोई बता पायेगा।
मेरी मोहब्बत इतनी गहरी है,
कि गूगल भी शर्मा जाएगा।।
!! Radhe Radhe !!
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