सेड शायरी इन हिन्दी | 50+ sad shayari | Tute dil ki shayari

Sad shayari in Hindi

अब ख़ुशी की तलाश रहने दो, 
मुझको यूँ ही उदास रहने दो। 
खुशियाँ ले जाओ तुम मेरी,
मेरा दर्द मेरे ही पास रहने दो।।

Sad shayari

बदला नहीं हूं मैं, मेरी भी कुछ कहानी है।
अब बुरा बन गया हूं मैं;
ये सब अपनों की मेहरबानी है।।

आंसू अपने ही हाथ से पोंछ लेना दोस्तों !
अगर दूसरा पोंछेगा तो,
उसकी कीमत भी वसूलेगा।।

आंखों के पर्दे भी नम हो गए।
बातों के सिलसिले भी कम हो गए।।
पता नहीं गलती किसकी है;
बुरा वक्त है या बुरे हम हो गए।।

न मिलता गम तो बर्बादी के अफ़साने कहाँ जाते, 
गर जिंदगी हमेशा होती चमन तो वीराने कहाँ जाते।
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई गैर तो निकला, 
सभी गर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते।।

हार जाऊंगा उस अदालत में;
ये मुझे यकीन था।
जहां वक्त बन बैठा जज,
और नसीब मेरा वकील था।।

मोहब्बत करने वालो को,
फुर्सत कहाँ जो गम लिखेंगे।
ऐ दोस्त कलम इधर लाओ,
इसके बारे में हम लिखेंगे।।

आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया, 
क्या करू तुमने जो मुझे भुला दिया। 
ना करते वफ़ा न मिलती ये सजा, 
मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया।।

इस बड़ते दर्द को मत रोक,
ये तो सजा है किसी के इंतज़ार की।
लोग इसे आंसू कहे या दीवानगी, 
पर ये तो निशानी है किसी के प्यार की।।

इस दुनियाँ में कोई भी अपना नहीं होता,
लाख निभाओ रिश्ता कोई अपना नहीं होता।

गलत फहमी रहती है थोड़े दिन,
फिर इन आँखों में आंसुओ के सिवा कुछ नहीं रहता।

बिन तेरे जीने में क्या रखा है।
अब खोने को कुछ बाकी कहां रखा है।।
जिन्दा हूँ तो सिर्फ तुझे पाने की चाह में ।
वरना जुदाई का जहर पीने में क्या रखा है।।

एक श्मसान के बाहर लिखा था;
मंजिल तो तेरी यहीं तक थी।
बस ज़िन्दगी गुजर गई यहां आते आते।
अरे तुझे दुनिया ने भी क्या दिया ?
तेरे अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते।।

जिसको हमने दिल में सम्भालकर रखा था।
उसी ने हमें ब्लाक लिस्ट में डाल रखा था।।

उस नम्बर ने हमें सबसे ज्यादा घायल किया।
जिस नम्बर को हमने सबसे ज्यादा डायल किया।।

किसी को कांटों से चोट पहुंची,
किसी को फूलों ने मार डाला।
जो बच गए इन मुसीबतों से,
उन्हें वसूलों ने मार डाला।।

छोड़ दिया मैंने भी किसी को परेशान करना।
जिसकी खुद मर्जी ना हो बात करने की,
उससे जबरदस्ती क्या करना।।

कुछ दिल की मजबूरी कुछ किस्मत के मारे थे।
साथ वो भी छोड़ गए जो जान से प्यारे थे।।

ना जिंदगी वापस आती है, 
ना जिंदगी में आये हुए लोग।

कई बार तबियत दवा लेने से नहीं, 
हाल पूछने से ही ठीक हो जाती है।।
कैसे हो आप लोग ?

मै अपनी ज़िंदगी की दांस्ता,
अब दोहराना नहीं चाहता।
जो बीत गयी वो रात थी,,
उस रात को अब रौशनी दिखाना नहीं चाहता।।

इश्क़ वही है जो एकतरफ हो,
इज़हारे इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है। 
है अगर इश्क़ तो आँखों में देखो, 
जुबां खोलने पे ये नुमाईश बन जाती है।।

दर्द भी वही देते है जिन्हें हक दिया जाता हो,
वर्ना गैर तो धक्का लगने पर
भी माफी मांग लिया करते है।।

बेपनाह मोहब्बत की थी, 
अब सजा पाए बैठे हैं।
हासिल ना हुआ कुछ भी, 
और सब कुछ लुटाये बैठे हैं।।

जान दे सकता है क्या साथ निभाने के लिए, 
हौसला है तो बढ़ा हाथ मिलाने के लिए। 
इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे, 
कौन आया है यहां उम्र बिताने के लिए।।

मैंने दीवार पे क्या लिख दिया ख़ुदको,
 इक दिन बारिशें होने लगीं उसको मिटाने के लिए।।

नुक्स मत निकाल किरदार में अपने, 
ये काम लोग बख़ूबी ही कर देंगे।
शक मत कर कबलियत पर अपनी 
तेरा याकिं तेरे अपने ही हिला देंगे।।

जीतना ही है तुझे अपनी हर लड़ाई,
हारने की राह बहुत तक रहें होंगे।
मत आंसू बहाना गर गिर जाओ तुम, 
तुझे धक्का लगाने को लोग बैठे होंगे।।

सुनो ना यारों,
जीतने का असली मजा तो तब है, 
जब सब को याकिं तेरे हारने का हो।
और तू जीत का बिगुल बजा दे,
तेरी जीत लोगों की नींद ही उड़ा दे।।

जब जिंदगी चटनी बनाती है, 
तो स्वाद अपने ही लिया करते हैं। 
ग़ैर तो फ़िर भी ग़ैर ही होते हैं,
ये अपने कहने वाले बड़ा दर्द दिया करते हैं।।

तलाश उसकी करो जो किसी के पास ना हो, 
भुला दो उसे जिस पर विश्वास ना हो। 
हम तो अपने गमों पर भी हंस पड़ते है,
वो इसलिए की सामने वाला उदास ना हो।।

जाने किस दिलं से उसने मुझे भुलाया होगा,
और मेरा प्यार उसे याद ना आया होगा।
वो मुझे भुल गयी इसका तो मुझे गम नहीं,
गम तो ये है की मुझे रो रो के भुलाया होगा।।


वो मेरी क़िस्मत मेरी तकदीर हो गई,
हमने उनकी याद में इतने खत लिखें; 
कि वो रद्दी बेजकर अमीर हो गई।। 

घर है कच्चा मेरा बरसात से डर लगता है।
तुम प्यार को छोड़ कर कोई और बात कर लो, 
मुझे प्यार की हर बात से डर लगता है।।

छोड़ गए हमको अकेले ही रहो में, 
चले गए रहने वो गैरो की बाहों में। 
शायद मेरी चाहत उसे रास नहीं आई,
तभी तो सिमट गए वो औरों की बाहों में।।

अब कुछ ना छुपाया जाए तो अच्छा रहेगा,
 सब कुछ बताया जाए तो अच्छा रहेगा। 
अदालत सजी है तेरे मुहल्ले में तो कोई गिला नहीं,
गवाह मेरे मुहल्ले से भी बुलाया जाए तो अच्छा रहेगा।।

किसी को काटों से चोट पहुंची, 
किसी को फूलो ने मार डाला।
जो इस मुसिबत से बच गए,
उन्हें उसूलों ने मार डाला।।

तरसते थे जो हमसे मिलने को कभी,
जाने क्यों आज मेरे साये से भी कतराते हैं। 
हम भी वही हैं दिल भी वही है; 
जाने क्यों लोग बदल जाते हैं।।

हमने क्या नहीं किया तेरे इकरार के लिए,
खुद को लुटा बैठे तेरे प्यार के लिए।

हम तो उसी मोड़ पर खड़े रहे,
पर तुमने ही मुड़कर ना देखा।

लोग मोहब्बत को खुदा कहते है, 
अगर कोई करे तो उसे इल्जाम देते हैं।
कहते हैं कि पत्थर दिल रोया नहीं करते, 
फिर क्यों पहाड़ों से झरने गिरा करते हैं।।


खामोशियां सब्र का इम्तिहान बन गई, 
मजबूरियां प्यार में इल्जाम बन गई। 
वो आए और आकर चले गए, 
खुशियां चंद लम्हों की मेहमान बन गई।।

जिनके दिल अच्छे होते है न, 
उनकी किस्मत ही खराब होती है।

 दर्द देकर इश्क़ ने हमें रुला दिया,
दर्द देकर इश्क़ ने हमें रुला दिया।

आज उसी ने हमे भुला दिया। 
हम तो जी लिया करते थे उनकी यादों में,
हम तो जी लिया करते थे उनकी यादों में ।
कंबख़्त उसने यादों में भी जहर मिला दिया।।

दर्द बहुत हुआ दिल के टूट जाने से,
कुछ ना मिला उनके लिए आंसू बहाने से। 
वे जानते थे वह मेरे दर्द की वजह,
फिर भी बाज ना आए मुझे आजमाने से।

मोहब्बत की नफ़ासत का बहाना भूल जाओगे,
हमारे ज़ख्म देखोगे तो निभाना भूल जाओगे।
हमें तो दर्द माफिक है मौसम-ए-हिज्र में हमदम,
इसे तुम जी के देखोगे ज़माना भूल जाओगे।।

लोग हमको तो बुरा कहते ही है,
तुम भी कह दे तो क्या बुराई है।
अच्छे अच्छों ने हमको धोखा दिया,
तुम भी दे दो तो क्या बुराई है।

कयु रोते हो उशकी याद में, 
जो तुम्हारा कभी था ही नहीं।
अगर आंसुओं शे तकदीर बदलती तो
आज हमारा भी कोई होता।।

बिठाकर डोली में उसको वो इंसान ले गया।
अजनबी शहर का लड़का मेरी जान ले गया।।

इज़्ज़त दीजिये और इज़्ज़त लीजिये
सब के लिए एक ही रूल है।
और जिनके नज़रो में हम कुछ भी नहीं
वो हमारी नज़रो में फ़िज़ूल है।।

दर्द होता है दिल में मगर आवाज़ नहीं होती,
सांस थम जाती है मगर मौत नहीं होती।
अजीब से रिश्ते हैं इस मतलब भरी दुनिया में,
कोई भूल नहीं पता तो किसी को याद भी नहीं आती।।

कुछ उनकी मजबूरियां कुछ मेरी कश्मकश,
बस यूं ही एक खूबसूरत कहानी को खत्म कर दिया हमने।
महसूस तो होती है पर मुकम्मल नहीं होती,
कुछ हसरतें आंखों में रहती हैं इंतजार बनकर।।

कोई यह लाख कहे मेरे बनाने से मिला, 
नया रंग जमाने को पुराने से मिला।
उसकी तकदीर अंधेरों ने लिखी थी शायद, 
वह उजाला जो चिरागों को बुझाने से मिला।।

फिक्र हर बार खामोशी से मिली है मुझको,
और खजाना मुझे शोर मचाने से मिला।
और लोगों से मुलाकात कहां मुमकिन था, 
वो तो खुद से भी मिला है तो बहाने से मिला।।

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