Top positive attitude shayari in hindi

Best positive attitude shayari

हर किसी पर मेरा दिल आ जाए,
हमारी फीलिंग्स इतनी बेकार नहीं।।
हमें सिंगल रहना मंजूर है, 
मगर यार बदलने वाला यार नहीं।।

मेरी नफ़रत भी सच्ची,  तुम्हारी मोहब्बत तो फर्जी है।
और क्यों नहीं जलेंगे ये लोग मुझसे!
उस मिट्टी से उठकर आया हूं, 
जिस मिट्टी से इन सबको एलर्जी है।

और क्यों नहीं जलेंगे ये लोग मुझसे!
उस मिट्टी से उठकर आया हूं, 
जिस मिट्टी से इन सबको एलर्जी है।

कलम से लिख नहीं सकते उदास दिल के अफसाने। 
हम तो तुम्हें दिल से याद करते हैं,
बाकी तुम्हारे दिल की खुदा ही जानें।।

किसी पर ज्यादा नाराज होने से बेहतर है,
अपने जीवन में उसकी अहमियत कम कर दो।

शीशे जैसे किरदार है जनाब,
शियाशत जैसी दिखावट नहीं मिलेगी।
हमारी जुबान में कड़वाहट मिल सकती है,
हमारे ज़मीर में मिलावट नहीं मिलेगी।

तूं हमारी बराबरी करे इतना तेरे में दम नहीं।
हमारे चेहरे की खुशी छीन ले ऐसा कोई ग़म नहीं।।
और हमें तूं पैसे से जज करता है!
बेटा! पैसा आती जाती चीज है, हम नहीं।।

अक्सर वही दिये हाथ जला देते हैं;
जिन्हें हम हवा से बचा रहे होते हैं।
हर रास्ते मंजिल तक नहीं जाते;
कभी कभी रास्तों पे भटकना पड़ता है।

और अमीर घर में पैदा नहीं हुआ हूं;
मिडिल क्लास का लड़का हूं!
अपनी तकदीर बदलने के लिए,
हर रोज दुनिया से लड़ना पड़ता है।।

मुझे ग़म नहीं कि मुझे कोई समझ न पाया।
मैं फुर्सत की चीज हूं जमाना जल्दबाजी में है।।

नफ़रत नहीं है तुमसे, 
पर अब मोहब्बत भी नहीं होगी।
चाहे लाख कसमें खा लो बेवफा, 
पर तुम किसी एक की नहीं होओगी।।

याद करोगे तो याद रहोगे, वरना
याद्दाश्त हमारी भी कमजोर है।

तुम दूसरों के भरोसे हो, 
मेरी खुद की शुरुआत है।
मैं तुम्हें अच्छा नहीं लगा, 
यही तो मेरे लिए अच्छी बात है।।

रास्ता सोच समझकर चुनना, 
हर दिशा में दरिंदें बहुत है।
और अपनी उड़ान का जरा ख्याल रखना,
आजकल आसमान में परिंदे बहुत है।।

अब कोई आए कोई जाए फर्क नहीं पड़ता।
अब तो खुद को गुनहगार खुद को सबूत कर लिया;
साला पत्थर भी टकराने में कई बार सोचेगा।
अब खुद को इतना मजबूत कर लिया है।।

ठिकाना ढूंढो कहीं और अपने जाने का।
काम अब मैंने छोड़ दिया है मनाने का।।

तोड़ दिया तो तोड़ दिया।
रिश्तों को बचाने की कोशिश हर रोज नहीं करते।
हमारे पास बहुत कुछ है करने को;
हम ज्यादा अफसोस नहीं करते।।

खिलाड़ी तो हम आपसे भी अच्छे हैं जनाब!
पर जज़्बातों से खेलना हमारे संस्कारों में नहीं।

अजी, तालमेल क्या डगमगाया मेरी ज़िन्दगी का!
खुद को बांसुरी, तो हमें बाजा समझने लगे।
हमने अपना ताज मरम्मत के लिए क्या भेजा,
कुछ भिखारी अपने आपको राजा समझने लगे।।

मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नजर आएंगी,
अजी! मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नजर आएंगी?
तुम्हें देखकर तो मैं मुस्कुराने लगता हूं।

बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो, 
हां! बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो!
मगर इतना ख्याल रखना;
हम बदल गए तो करवटें बदलते रह जाओगे।।

मेरी आंखों को वो आसमान कर गया।
वो एक सख्श जो अंदर से वीरान कर गया।।

अब मोहब्बत से सामना न हो ए हसरत करता हूं।
अंदर से अकेला पर तुमसे बहुत नफ़रत करता हूं।।

जिस महफ़िल ने ठुकराया हमको!
क्यों उस महफ़िल को याद करें।
आगे लम्हें बुला रहे हैं, अब उनके साथ चलें।।
क्या कहा! अपनी इरादों से पीछे हट जाएंगे!

तेरा धोखा इतना दुखदायक तो नहीं है।
गलती हमारी थी जो तुझ पर यकींन किया।
दिल में क्या, तूं जेब में भी रखने लायक नहीं है।।

ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से निकाल लिया है।
वक्त के हिसाब से खुद को ढाल लिया है।।
अब कोई साजिशों से भी तोड़ें तो नहीं टूटेंगे।
संभलते संभलते खुद को इतना संभाल लिया है।।

कबूतरों के बस की बात नहीं,
आसमां नापने के लिए दमदार परिंदा रखा गया है।
अजी दुनियादारी हमें कब की मार चुकी है,
कोई तो मकसद है जो हमें अभी जिंदा रखा गया है।।

लोगों को तो बात बनाने का बहाना चाहिए जनाब,
जो इशारों पर ना नाचे उसे बिगड़ा नाम दे रखा है।
मैं अपने मां बाप की नजरों में सही हूं बहुत है।
इन दुनिया वालों का ठेका थोड़ी ले रक्खा है।।

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